अब छोटी बीमारियों के चेकअप के लिए अस्पताल की ओपीडी में न आएं
जागरण संवाददाता कठुआ लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए जिले के मुख्
जागरण संवाददाता, कठुआ: लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए जिले के मुख्य स्वास्थ्य संस्थान जीएमसी में रुटीन का चेकअप बंद कर दिए गए हैं। अब सिर्फ गंभीर मरीजों की देखभाल होगी और आपात सेवाएं ही जीएमसी होगी।
हालांकि ओपीडी भी चलेगी, लेकिन छोटी बीमारी के लिए अस्पताल में चेकअप कराने के लिए आने वाले मरीजों को जीएमसी प्रशासन ने अपने घर में ही रहकर डाक्टरों की सेवाएं मोबाइल नंबर पर तय दिन में लेने को कहा है, ताकि अस्पताल में कोरोना के कारण मौजूदा बने हालात को देखते हुए कम से कम भीड़ हो। इससे संक्रमण के फैलने का खतरा कम किया जा सकेगा। भीड़ के चलते संक्रमण फैलने की संभावना ज्यादा रहती है। जीएमसी प्रशासन ने छोटी बीमारी के लिए चेकअप कराने के लिए मरीजों को घर बैठे ही डॉक्टरों से सलाह लेने की सुविधा देते हुए विभिन्न रोगों के प्रमुख डॉक्टरों के मोबाइल नंबर सार्वजनिक किए हैं।
जीएमसी प्रशासन ने प्रमुख डॉक्टरों के मोबाइल नंबर के साथ उनसे सलाह लेने के साथ उनके दिन भी तय किए हैं, ताकि मरीज उसी दिन जारी सार्वजनिक मोबाइल नंबर पर डॉक्टर से सलाह लें सकते हैं। इसके अलावा अब रूटीन के आपरेशन भी नहीं किए जाएंगे। ऐसा सिर्फ कठुआ जीएमसी में ही नहीं, बल्कि अन्य जिलों के जीएमसी व जिला अस्पतालों में भी किया गया है। ये सब आने वाले दिनों में कोरोना के मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए किया जा रहा है। मौजूदा समय में जीएमसी कोरोना के मरीजों के लिए 80 बेड मौजूद हैं और सरकार इसे अब डबल करने के लिए जीएमसी प्रशासन को कह रही है, ताकि आने वाले समय में हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही तैयारियां की जा सके। इसमें सबसे बड़ी सुविधा जीएमसी कठुआ में आक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य तेजी से जारी है। कोट्स----
अस्पताल में ओपीडी सेवाएं जारी रहेंगी, लेकिन चेकअप कराने वही अस्पताल की ओपीडी में आए,जो गंभीर हो, छोटी बीमारी के लिए मरीज घर पर डॉक्टरों के किए गए सार्वजनिक नंबर से सुविधा लेकर सलाह ले सकते है। अस्पताल में सिर्फ रूटीन की सर्जरी बंद की गई है, जिसका मकसद अस्पताल में भीड़ कम करना है। इस समय भी 700 के करीब ओपीडी होती है, जिसे आने वाले दिनों में कम करना है। अस्पताल में कोरोना मरीजों को ही इलाज में मुख्य प्राथमिकता होगी। ऐसे में ओपीडी में भीड़ से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।
- डा. अंजलि नादिर भट्ट, प्रिसिपल, जीएमसी कठुआ।