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पशु तस्करी की शिकायत के बाद जांच शुरू

संवाद सहयोगी रामकोट पुलिस द्वारा गत 28 मार्च को डेढ़ दर्जन पशुओं को पकड़े जाने के बाद उठे विव

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 12:25 AM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 12:25 AM (IST)
पशु तस्करी की शिकायत के बाद जांच शुरू
पशु तस्करी की शिकायत के बाद जांच शुरू

संवाद सहयोगी, रामकोट : पुलिस द्वारा गत 28 मार्च को डेढ़ दर्जन पशुओं को पकड़े जाने के बाद उठे विवाद की जाच एएसपी रमनीष गुप्ता ने शुरू कर दी। इस दौरान दोनों पक्षों के बयान भी दर्ज किए।

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वीरवार को अचानक एएसपी रमनीष गुप्ता रामकोट पुलिस चौकी पहुंचे और दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए। मौके पर एसडीपीओ रविंद्र सिंह भी साथ थे। इस दौरान एक पक्ष के लोगों का आरोप था की स्थानीय सरपंच ने ही उन्हें भेड़ बकरिया और पशु को पहाड़ों की तरफ ले जाने की अनुमति दी थी और खुद ही डेरे को रोक कर भेड़ बकरिया, नकदी और पशु छीन लिए। साथ ही मारपीट भी की। आरोप था कि बीच बाजार में ऐसा बर्ताव किया गया। मौके पर दोनों पक्षों द्वारा कही गई अपनी बात और पुलिस को दिए गए बयान में अंतर पाए गए।

उधर, सरपंच का कहना था कि उनके पास अनुमति देने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कुछ स्थानीय बकरवाल परिवारों को केवल वेरिफकेशन लिख कर दी है। इस दौरान स्थानीय लोगों का कहना था कि पुलिस चौकी बीच बाजार में स्थित है, बाजार में ऐसी कोई भी घटना नहीं घटी। यह लोग मुख्य धार रोड सड़क से न होकर पशुओं को बूल कोहड़ी ठयाल आदि गुप्त के रास्ते से ले जाते हैं। पशु तस्करी के इस धंधे में कुछ स्थानीय लोग भी शामिल हैं जो कि महिलाओं को आगे कर स्वयं पिछे रहते हैं। जिस दिन बैलों को लेकर जा रहे थे, उस समय स्थानीय पुलिस ने ही सारी कार्रवाई करते हुए बैलों को अपने कब्जे में ले लिया था। इस मौके पर बकरवाल समुदाय के स्थानीय लोगों ने भी सरपंच के हक में बयान दिए।

मौके पर पर उपस्थित बीडीसी चेयरमैन अभय खजुरिया, डीडीसी सदस्य नारायण दत्त, सरपंच प्रदीप सिंह, सरपंच दिनेश खजुरिया, नायब सरपंच अश्वनी कुमार, ठाकुर दास, वीरेंद्र शर्मा और एसटी कमेटी सदस्य समेत गणमान्य ने रोष व्यक्त करते हुए बताया कि कुछ लोग मामले को राजनीतिकरण करना चाह रहे हैं। बाहर के लोग तस्करी करते हैं और पैसे के लालच में कुछ स्थानीय लोग उनका साथ देते हैं। कुछ लोग जानबूझकर मजहबी फसाद तैयार कर रहे हैं। यदि जल्द ही रोक नहीं लगाई गई तो यह फसाद और ज्यादा बढ़ सकता है। लोगों ने पुलिस प्रशासन से पशुओं को ले जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने की माग की।

बहरहाल, एएसपी ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कहा कि बिना डिप्टी कमिश्नर की अनुमति के पशुओं को दूसरे जिले में नहीं ले जाने दिया जाएगा।


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