मेडिकल कालेज में बढ़ाई गई बेड की सुविधाएं
जागरण संवाददाता कठुआ जिले की करीब साढ़े छह लाख आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने
जागरण संवाददाता, कठुआ: जिले की करीब साढ़े छह लाख आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए जीएमसी में बेड की सुविधाएं बढ़ाई गई। साथ ही 80 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना के लक्षण दिखने पर जीएमसी में लाने की बजाए तीन जगहों पर बनाए गए कोविड केयर सेटर में ले जाने की सलाह दी गई।
दरअसल, जीएमसी में 40 बेड की जगह अब 80 बेड कोरोना मरीजों के लिए कर दिया गया हैं, जहां पर 45 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें 13 लोग आइसीयू में भर्ती हैं, जिन्हें आक्सीजन की कमी नहीं है। सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि अगले कुछ दिनों में आक्सीजन का जीएमसी में अपना प्लांट शुरू हो जाएगा। ऐसे में अभी तक तो सब कुछ ठीक ठाक है, यानि जितनी मरीजों की संख्या हैं, उस हिसाब से बेड और आक्सीजन पर्याप्त है। आने वाले दिनों में महामारी के और फैलने के मिल रहे संकेत को देखते हुए किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अभी से ही तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, जिसमें गत दिवस जहां सामान्य बीमारी के लोगों के लिए ओपीडी में नहीं आने की अपील की गई। इसके अलावा सरकार ने अस्पताल में अब 80 साल की उम्र के ऊपर कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को इलाज के लिए भर्ती करने की बजाय कोविड केयर सेंटर में जाने की सलाह दी है, क्योंकि वहां पर आक्सीजन की उपलब्धता है। अस्पताल के आइसोलशन वार्ड के बाहर कोरोना पाजिटिव मरीज जमीन पर ही डेरा डाले हुए हैं। इस पर जीएमसी प्रशासन की प्रिसिपल डा. अंजलि नादिर भट्ट का कहना है कि अस्पताल में उनके पास कोरोना मरीजों के लिए बेड पर्याप्त है। अगर कोई मरीज आइसोलेशन वार्ड परिसर के बाहर बैठा है तो वे खुद कई बार अपने आप को कुछ नार्मल महसूस होने पर बाहर आकर राहत पाने का प्रयास करता है, जबकि आइसोलेशन वार्ड के बाहर किसी दूसरे को जाने की इजाजत ही नहीं होती है।