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कृषि बिलों के विरोध में किसानों ने किया रोष प्रदर्शन

जागरण टीम कठुआ केंद्र सरकार के कृषि बिल के विरोध में किसान संगठनों के आह्वान पर ि

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 12:40 AM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 12:40 AM (IST)
कृषि बिलों के विरोध में किसानों ने किया रोष प्रदर्शन
कृषि बिलों के विरोध में किसानों ने किया रोष प्रदर्शन

जागरण टीम, कठुआ: केंद्र सरकार के कृषि बिल के विरोध में किसान संगठनों के आह्वान पर जिला मुख्यालय पर किसानों ने धरना दिए। इस दौरान कृषि कानून वापस लो के नारे लगाते हुए अपना रोष जताया। ऑल इंडिया किसान सभा के बैनर तले शहर के ड्रीमलैंड पार्क में महेंद्र सिंह के नेतृत्व में किसानों ने दिन भर धरना दिया और मांगों के समर्थन में नारेबाजी की।

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इस दौरान किसानों ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को नहीं मान रही है। एक अड़ियल रवैया सरकार ने अपनाया है, जब देश के किसान ही बिल के समर्थन में नही है तो सरकार को उसे वापस लेना होगा। ये बिल अगर लागू होता है तो किसानों के लिए काले कानून के बराबर है। जिला मुख्यालय पर स्थित कृषि विभाग के कार्यालय में जम्मू कश्मीर किसान तहरीक ने धरना दिया। इस दौरान किसानों ने चेतावनी दी कि सरकार ने अगर कारपोरेट घरों की चौकीदारी करना बंद न की और कृषि बिलों को वापस न लिया तो किसान संघर्ष को और तेज करने को मजबूर होंगे। किसान तहरीक के सेवा राम ने कहा कि तमाम जिला मुख्यालयों पर आज किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कृषि कानून को वापस करने की माग को लेकर दिल्ली में किसान पिछले 19 दिनों से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार टाल मटोल कर रही है। किसान अपनी मागों पर डटे हुए हैं और आर पार की लड़ाई को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जब तक बिल वापस नहीं लिए जाते, किसान अपने संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे।

इसी क्रम में पैंथर्स पार्टी और इंडियन इंटरनेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ने किसानों के समर्थन में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष प्रदर्शन किया। शहीदी चौक पर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष रॉबिन शर्मा ने बताया कि अगर किसान सरकार के बिल से न खुश है तो फिर सरकार को बिल वापस लेने में क्या आपत्ति है। कुछ पूंजीवादियों को फायदा पहुंचाने के चक्कर में बिल को किसानों पर थोपने की कोशिश की जा रही है, जिसे पैंथर्स पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। किसान देश का अन्नदाता है, किसान की वजह से लोग जीते है, लेकिन आज वही किसान सड़कों पर दरबदर हो रहा है। भाजपा सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। अगर किसान बिल को वापस करने की माग कर रहा है तो भाजपा सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए।

इस बीच इंटरनेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी के आईडी खजुरिया ने कहा कि जिस वक्त देश में कोरोना चरम पर था, उस वक्त किसानों ने जगह-जगह लंगर लगाकर गरीब लोगों और प्रवासियों को खाना मुहैया करवाया था। भाजपा सरकार आज इन किसानों के आदोलन को खालिस्तानी और पाकिस्तानी का दर्जा दे रही है। बड़े-बड़े कॉरपोरेटर देश को खत्म करने में लगे हुए है, इससे हमें बचना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से माग की है कि किसान विरोधी बिल को जल्द से जल्द वापस लिया जाए और किसानों की हक में बिल बनाया जाए।


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