जनभागीदारी से ही दी जा सकती है विकास को गति : उपराज्यपाल
क्रासर--- -जो अधिकारी ब्लाक दिवस कार्यक्रम से अनुपस्थित रहेगा उसे नौकरी करने का अधिकार
क्रासर---
-जो अधिकारी ब्लाक दिवस कार्यक्रम से अनुपस्थित रहेगा, उसे नौकरी करने का अधिकार नहीं
- प्रत्येक घर को 24 घंटे बिजली सप्लाई देने के लिए अगले चार साल में 2800 मेगावाट उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य
-ब्लाक दिवस किसी बड़ी परियोजना को मंजूरी देने के लिए नहीं, ब्लकि लोगों के रोजमर्रा की आने वाली स्थानीय समस्याओं का समाधान करना
-जूनियर अधिकारी भी अगर अच्छा काम करेगा तो उसे बड़ी कुर्सी पर काम करने का दिया जाएगा मौका राकेश शर्मा, हीरानगर (कठुआ): जिले में पहली बार पहुंचे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जनभागीदारी से ही विकास को गति दी जा सकती है, प्रशासन की भूमिका सिर्फ सहायक (फेसीलेटर) की भूमिका रहती है। इसे लोगों को अब समझना होगा। वे बुधवार को ब्लाक दिवस पर आयोजित जनता दरबार में सभा को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर लोगों की समस्याएं भी सुनीं। जीएल डोगरा कालेज में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने से पहले स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने ब्लाक मेडिकल आफिसर डा. स्वामी अंजल की देखरेख में सात सौ के करीब लोगों का कोविड-19 का टेस्ट किया।
उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार ने जहां पंचायती राज को पूरी तरह से प्रभावी बनाने के लिए त्रिस्तरीय प्रणाली लागू कर विकास के लिए पहली बार डीडीसी को 10 करोड़ रुपये जारी किए है। बीडीसी और पंचायतों के पास भी पहली बार विकास के लिए करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। अब उक्त पैसों का सदुपयोग हो, ये लोगों ने देखना है। विकास कार्यो की गुणवत्ता और गति को चेक करना जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी रहेगी।
इस दौरान उन्होंने साफ किया कि ब्लाक दिवस किसी बड़ी परियोजना को मंजूरी देने के लिए नहीं, ब्लकि लोगों के रोजमर्रा की आने वाली स्थानीय समस्याओं का समाधान करना है। परियोजनाओं की मंजूरी के लिए अलग व्यवस्था है, जिसमें जनप्रतिनिधि, जिला अधिकारी, जिला योजना या प्रदेश योजना में मंजूरी के लिए तय करते हैं। इस बीच उन्होंने चेतावनी दी कि जो अधिकारी कार्यक्रम में अनुपस्थित रहेगा, उसे नौकरी करने का अधिकार नहीं है। जो अच्छा काम करेगा, वह अधिकारी चाहे छोटा या जूनियर है, उसे ही बड़ी कुर्सी पर काम करने का मौका दिया जाएगा। जम्मू कश्मीर में बिजली की आपार संभावनाएं होते हुए भी बिजली आपूर्ति करने वाला डिस्ट्रीब्यूशन एवं ट्रांसमिशन सिस्टम लोगों के घरों तक 24 घंटे सुचारु आपूर्ति करने में असफल है। प्रदेश में इस समय 3500 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इसके अलावा 3600 मेगावाट और बिजली उत्पादन बढ़ाने पर काम किया जा रहा है, इसमें 2800 मेगावाट अगले चार सालों में तैयार कर देंगे। इसके बाद भी प्रत्येक घर में 24 घंटे आपूर्ति नहीं पहुंची तो बिगड़ा डिस्ट्रीब्यूशन व ट्रांसमिशन सिस्टम ही जिम्मेदार होगा, जो अभी भी जिम्मेदार है।
इस मौके पर डिवकाम डा. राघव लंगर, डीसी राहुल यादव, डीआइजी विवेक गुप्ता, एसएसपी रमेश चंद्र कोतवाल, डीडीसी चेयरमैन कर्नल (सेवानिवृत) महान सिंह, उपचेयरमैन रघुनंदन सिंह बबलू, डीडीसी सदस्य, बीडीसी चेयरमैन, पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा जिला अधिकारी व आम लोग भी मौजूद थे।