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तेज हवा चलने से आम की फसल को हुआ नुकसान

जागरण संवाददाता कठुआ बीती रात तेज हवाओं से फलदार पौधे खासकर देसी आम को काफी नुकसान

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 11:08 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 11:08 PM (IST)
तेज हवा चलने से आम की फसल को हुआ नुकसान
तेज हवा चलने से आम की फसल को हुआ नुकसान

जागरण संवाददाता कठुआ: बीती रात तेज हवाओं से फलदार पौधे खासकर देसी आम को काफी नुकसान पहुंचा। हो रहा है। पहाड़ी क्षेत्र मशेड़ी में तो बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से किसानों की छह माह की मेहनत पर पानी फिर गया है।

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कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ मौसम के बदलते मिजाज को देख खेती करने के लिए लगातार दो तीन दिन के बाद एडवाइजरी जारी करनी पड़ रही है। मंगलवार जारी एडवाइजरी में अब 14 मई तक बारिश की संभावना जताई गई है यानि तीन दिन और बारिश की संभावना है। इसमें 25 एमएम तक बारिश हो सकती है। 15 मई से ही मौसम साफ रहने की संभावना है। सबसे ज्यादा परेशानी पहाड़ी क्षेत्र के किसानों को हो रही है, जिन्हें बार-बार खेत में कटाई की तैयारी करने के लिए जाने पर मौसम वापस लौटा रहा है या फिर जो कटी है, उसे खराब कर रहा है।

बदलते मौसम के साथ तापमान कभी ऊपर तो कभी नीचे होने से भी लोग असंमजस में हैं। 40 डिग्री के करीब पहुंच चुके तापमान बारिश के बाद 32 तक पहुंच रहा है। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिल रही है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 32.2 और न्यूनतम 23.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जिसमें एक एमएम बारिश भी रिकॉर्ड हुई है। गत दिवस अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस रहा था।जिसके चलते पिछले कुछ दिनों से बदले मौसम के चलते 33 से 34 तक के बीच रह रहा है। सिर्फ 4 मई को 8 डिग्री गिर कर 2 एमएम बारिश होने पर 28.8 डिग्री सेल्सियस तक आ गया था। जब कि गत 28 अग्रैल को अधिकतम तापमान 39.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। कोट्स---

12 से 14 मई के बीच हल्की से भारी वर्षा की संभावना के साथ अगले पांच दिनों के दौरान आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। अधिकतम तापमान 32 से 37 डिग्री और न्यूनतम 21 से 25 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है। इस अवधि के दौरान हवा 1 किमी प्रति घंटा की औसत गति के साथ उत्तर से उत्तर पूर्व दिशा में बहेगी। सुबह की सापेक्ष आ‌र्द्रता 50-80 फीसद और शाम की सापेक्ष आ‌र्द्रता अवधि के दौरान 30-60फीसद तक हो सकती है।

किसानों को मौसम की साफ सूखी स्थिति की खेती करने की सलाह दी गई है।

-डॉ. विशाल महाजन, प्रमुख वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र, कठुआ।


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