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प्राचीन धरोहर बचाने के लिए प्रशासन करे प्रयास

संवाद सहयोगी बसोहली करीब पांच सौ वर्ष पुरानी चंचलो माता मंदिर को बचाने के लिए केंद्र सरकार और

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 11:58 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 11:58 PM (IST)
प्राचीन धरोहर बचाने के लिए प्रशासन करे प्रयास
प्राचीन धरोहर बचाने के लिए प्रशासन करे प्रयास

संवाद सहयोगी, बसोहली : करीब पांच सौ वर्ष पुरानी चंचलो माता मंदिर को बचाने के लिए केंद्र सरकार और प्रदेश प्रशासन की ओर से प्रयास नहीं किए जाने से लोगों में रोष व्याप्त है। बसोहली वासियों का कहना है कि यह मंदिर नहीं, बल्कि लोगों की आस्था का प्रतीक है। इस मंदिर के चरणामृत से कई रोगों का इलाज होता है। चरम रोग के लिए इस मंदिर से लोग चरणामृत का प्रयोग करने के लिए आते हैं। धाíमक अनुष्ठान मंदिर में ही किए जाते रहे हैं, जैसे शादी के बाद पहली बार जोड़े को मंदिर में लाना, मुंडन संस्कार, यज्ञोपवित संस्कार आदि।

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समाचार पत्र दैनिक जागरण की ओर से इस प्राचीन धरोहर को बचाने के लिए जो मुहिम शुरू की गई है, उससे दिन प्रतिदिन लोग जुड़कर समाचार पत्र का आभार भी जता रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस मुहिम को बंद नहीं करना चाहिए, बल्कि सरकार व स्थानीय प्रशासन तक आवाज पहुंचाना चाहिए। कोट्स---

लोगों की आस्था के प्रति सरकार का रवैया सही नहीं है। कई विकास के कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाए जाते हैं, यहा भी इसकी जरूरत है लेकिन अनदेखी हो रही है। मंदिर के प्रति लोगों की आस्था है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही।

- अरुण शर्मा। कोट्स--

बारिश में मंदिर को बचाने के लिए मंदिर प्रबंधन की ओर से तिरपाल तो लगा दी गई है, मगर सरकार से जो अपेक्षा थी उसे पूरा नहीं किया जा रहा। मंदिर को बारिश में नुकसान भी हो सकता था। सरकार कुछ ज्यादा नुकसान होने से पूर्व ही इस बारे में अपनी ओर से कार्रवाई करे, ताकि इस प्राचीन धरोहर को बचाया जा सके।

- इंद्रजीत सिंह। कोट्स--

यह मंदिर नहीं, बल्कि लोगों की आस्था का सवाल है। इस मंदिर में रोजाना सैकड़ों पर्यटक मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर से बसोहली अटल सेतु के दृश्य कैमरे में कैद किए जा सकते हैं। इस मंदिर से बसोहली पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है, लोगों की माग को सरकार पूरा करे।

- जगदेव सिंह। कोट्स--

मंदिर में पर्यटक को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन अपनी ओर से प्रयास करें, क्योंकि आटो टैक्सी चलाने वाले लोगों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बेरोजगार युवाओं के लिए यह मंदिर रोजगार का जरिया है, जब से मंदिर में भूस्खलन हुआ है तभी से पर्यटक कम आ रहे हैं। इसे बचाने के प्रयास हों और मंदिर के बाहर पर्यटन विभाग भी व्यू प्वाइंट आदि बनवाए।

- अनु मेहरा, प्रधान, मेटाडोर यूनियन बसोहली।


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