आंगनबाड़ी केंद्रों में न्यूट्रीशन नहीं, बच्चे निराश
उन के संयुक्त बैंक खातों में राशन खरीदने तथा आंगनबाड़ी वर्कर्स हैल्पर का मानदेय जारी करने के लिए फंड भी जमा करवा दिया है इसके बावजूद भी अगस्त माह से केंद्र खाली पड़े हैं। वहां आने वाले बच्चों को न्यूट्रीशन नहीं मिल रही। हालांकि कुछ सरपंचों ने खातों में जमा फंड से वर्कर्स का मानदेय तो जारी कर दिया
संवाद सहयोगी, हीरानगर: आंगनबाडी केंद्रों में न्यूट्रीशन नहीं होने की वजह से बच्चे निराश हो रहे हैं।
दरअसल, आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए न्यूट्रीशन खरीदने का अधिकार सरकार ने अब पंचायतों को दे दिया है, इसके बावजूद अगस्त माह से केंद्र में न्यूट्रीशन नहीं है। सरपंचों का कहना है कि अगर ग्रामीण विकास विभाग उन्हें पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों में लगने वाला मीटीरियल खरीदने की अनुमति नहीं देता और इसके काबिल नहीं समझता तो आंगनबाड़ी केंद्रों का राशन भी सरकार को खरीद कर देना चाहिए।
छनलालदीन के सरपंच विक्रम सिंह ने कहा कि पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों में लगने वाला मीटीरियल व टाइल्स खरीदने की जब ग्रामीण विकास विभाग सरपंचों को अधिकार नहीं दे रहा तो फिर आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए राशन खरीदने का झंझट क्यों लें, यह भी संबंधित विभाग को ही खरीदना चाहिए, इसलिए उन्होंने राशन नहीं खरीदा। पंचायत गरा के सरपंच अश्विनी शर्मा ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के वर्कर्स, हैल्पर का मानदेय जारी कर दिया गया है। केंद्रों में कितने बच्चों व महिलाओं के लिए राशन खरीदना है अभी तक विभाग की तरफ से नहीं बताया गया, जिस कारण उन्होंने अभी तक राशन नहीं खरीदा।
सतूरा पंचायत के सरपंच भागमल खजुरिया ने कहा कि अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की संख्या कम है, संबंधित विभाग को केंद्रों की सही जनसंख्या बताने के साथ राशन खरीदने की प्रक्रिया की जानकारी देनी चाहिए तभी इस पर कोई निर्णय ले सकते हैं।सही जानकारी नहीं होने की वजह से उन्होंने राशन नहीं खरीदा।
ब्लाक हीरानगर के बीडीसी चेयरमैन रामलाल कालिया ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए राशन खरीदने को लेकर असमंजस की स्तिति है, जल्द ही वे ब्लाक के सभी सरपंचों के साथ बैठक कर इस संबंध में विचार विमर्श कर बताएंगे कि आगे क्या करना है। कोट्स---बाक्स---
ब्लाक में चल रहे 212आंगनबाडी केंद्रों में अगस्त माह से न्यूट्रीशन नहीं है। न्यूट्रीशन खरीदने तथा आंगनबाड़ी केंद्रों में नियुक्त वर्कर्स, हैल्पर को मानदेय जारी करने की जिम्मेदारी पंचायतों को सौंप दी गई है, प्रत्येक केंद्र की आठ सदस्यीय कमेटी के खाते में पैसा जमा करवा कर बच्चों व महिलाओं की संख्या की सूची भी जारी कर दी गई है।
-डॉ. सुशील खजुरिया, सीडीपीओ, हीरानगर।