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घर-घर से कचरा उठाने की शुरू हुई मुहिम पहले चरण में ही फ्लाप

जागरण संवाददाता कठुआ इंदौर जैसा शहर बनाने के पहले प्रयास ही फ्लाप हो गई क्योंकि शहर के

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 05:10 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 05:10 PM (IST)
घर-घर से कचरा उठाने की शुरू हुई मुहिम पहले चरण में ही फ्लाप
घर-घर से कचरा उठाने की शुरू हुई मुहिम पहले चरण में ही फ्लाप

जागरण संवाददाता, कठुआ: इंदौर जैसा शहर बनाने के पहले प्रयास ही फ्लाप हो गई, क्योंकि शहर के प्रत्येक घर से कचरा सफाई कर्मियों द्वारा उठाया जाना था, जो कि बंद हो चुका है। अब शहर में रोजाना सफाई कर्मियों के आने से पहले लोग अपने घरों का कचरा गलियों में फेंकने शुरू हो गए हैं। रही सही कसर खुद सफाई कर्मी भी पूरी कर रहे हैं।

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छोटी गलियों को सफाई करके एकत्रित कचरे को मुहाने पर ही छोड़ देते हैं। हालांकि, मुहाने में एकत्रित कचरे को बाद में वहां आने वाले आटो द्वारा उठाना होता, लेकिन नगर परिषद के आटो वाले अपनी मर्जी से आते हैं, कई बार तो कचरा दो-दो दिन तक मुहाने पर ही पड़ा-पड़ा पूरी गली में बिखर जाता है। इससे लोगों का वहां से गुजरने में परेशानी होती है। साथ ही प्रदूषण भी फैलता है। इससे बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है। शायद यही कारण है कि कठुआ शहर में डेंगू का प्रकोप रहता है। सफाई के अभाव में कठुआ नगर मात्र कुछ चिन्हित स्थानों तक सीमित है।

वार्ड 2 के निवासी लव सिंह, रेखा शर्मा एवं अजय शर्मा ने बताया कि कई बार गली में सफाई के अभाव से व्याप्त समस्या के समाधान के लिए नगर परिषद के समक्ष गुहार लगाई गई, वहां से अधिकारी उनके क्षेत्र में सफाई कर्मियों द्वारा रोजाना सफाई करने का बात करते हैं, लेकिन वहां पर सफाई कर्मी गली को साफ करने के बाद एकत्रित किए गए कचरे को मुहाने पर फेंक देते हैं। एकत्रित करने का मतलब आटो द्वारा नियमित उठाना होता है, लेकिन कई बार आटो दो-दो दिन भी कचरा उठाने के लिए नहीं पहुंचता। इससे कचरा बीच गली में बिखर जाता है। इससे सफाई करने के बाद भी गली का वातावरण प्रदूषित हो जाता है। अगर कुछ दिन आटो नियमित उठाने आता है तो उसका समय 10 बजे के बाद रहता है, जब सभी लोग अपने घरों से उसी गली से अपने अपने कार्यालयों एवं कारोबार को निकलते हैं। गत माह बड़े जोरों शोर से घर घर से कचरा उठाने की मुहिम शुरू करने के दावे किए गए और बड़ी बड़ी अखबारों में तस्वीरें खिचवाई गई,उसके कुद दिन बाद ही घर से कचरा उठाने की मुहिम फ्लाप हो गई। अगर शहर के सबसे पुराने वार्ड 2 में भी सफाई के ये हालात यह है तो थोड़ी दूरी के फासले पर पड़ते वार्डों में क्या हाल होगा। आज भी नगर परिषद शहर के कुछ चुनिदा क्षेत्रों में ही नियमित सफाई करने तक सीमित है।

70 फीसद शहर की आबादी वाले क्षेत्र में नियमित सफाई नहीं होती है। ऐसी स्थिति में कठुआ इंदौर जैसा स्वच्छ शहर कब और कैसे बनेगा, ये बड़ा सवाल है। कोट्स---

घर-घर से कचरा उठाने के लिए आउट सोर्सिंग की गई थी, लेकिन जिस कंपनी ने ठेका लिया था, उसने बीच में ही काम छोड़ दिया। कंपनी को नोटिस जारी किया गया है। अब फाइनल नोटिस भी दिया गया है। उक्त प्रक्रिया पूरी होते ही अगली कंपनी को सफाई के लिए आउट सोर्स किया जाएगा।

-दिलीप अबरोल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद, कठुआ


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