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सरकारी जमीन से बेदखली करने का विरोध, मढ़ीन में प्रदर्शन

संवाद सहयोगी हीरानगर राजस्व विभाग द्वारा सरकारी जमीन पर काबिज किसानों की बेदखली करने क

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 04:30 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 04:30 PM (IST)
सरकारी जमीन से बेदखली करने का विरोध, मढ़ीन में प्रदर्शन
सरकारी जमीन से बेदखली करने का विरोध, मढ़ीन में प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, हीरानगर: राजस्व विभाग द्वारा सरकारी जमीन पर काबिज किसानों की बेदखली करने की प्रक्रिया शुरू किए जाने के बाद किसानों की चिता बढ़ गई है। शनिवार को राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शिवदेव सिंह के नेतृत्व में किसानों ने मढ़ीन तहसील कार्यालय समक्ष प्रदर्शन कर सरकार की कार्रवाही पर विरोध जताया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर कार्रवाही बंद नहीं हुई तो संगठन आंदोलन करने को मजबूर होगा।

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इस मौके पर शिव देव सिंह ने कहा कि किसान दशकों से जिस जमीन पर खेती कर रहे हैं और जमीन भी उन्हीं की थी, जो विभिन्न कानून लागू कर सरकार जब्त कर ली थी। पूर्व सरकार ने किसानों को मालिकाना हक देने के लिए ही रोशनी एक्ट लागू किया था। हीरानगर में भी हजारों किसानों ने आवेदन किया था, जिनके इंतकाल नहीं हुए। अगर शहरों में रोशनी के तहत कोई धांधली हुई है तो उसकी जांच होनी चाहिए थी न कि किसानों को बेदखल किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा बेदखली के नोटिस दिए जाने से किसानों में हड़कंप मच गया है। अगर सरकार ने जल्द प्रकिया बंद नहीं की तो संगठन आंदोलन तेज करने को मजबूर होगा।

वहीं, प्रदर्शनकारियों में शामिल नेकां नेता धर्म पाल कुंडल ने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों की आमदनी 2022 तक दुगनी करने का दावा करती है, और किसानों को कृषि से संबंधित काम धंधे खोलने के लिए जागरूक करती है। वहीं उनकी उस जमीन को भी छीना जा रहा है, जिस पर वे पीढ़ी दर पीढ़ी हल जोत कर अपनी गुजर-बसर करते आ रहे हैं, अब उनके लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर दी गई है। किसान पूर्ण सिंह व मोती लाल का कहना है कि अधिकांश लोगों के पास मलकियत की जमीन नहीं है। अगर सरकार जमीन छीन ली तो वे अपनी गुजर-बसर कैसे कर पाएंगे। अगर जमीन निकालनी ही है तो पहले किसानों को छह- छह एकड़ जमीन अलॉट करनी चाहिए। प्रदर्शनकारियों में घनश्याम शर्मा, रघबीर सिंह, तारा चंद, कुलदीप राज, बिशंभर दास आदि शामिल थे।


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