नहर किनारे उमड़ा आस्था का सैलाब, उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व संपन्न
जागरण संवाददाता कठुआ जिले में उगते सूर्य की उपासना के साथ चार दिवसीय छठ पूजा वीरवार सु
जागरण संवाददाता, कठुआ: जिले में उगते सूर्य की उपासना के साथ चार दिवसीय छठ पूजा वीरवार सुबह संपन्न हो गया। शहर के वार्ड 14 में स्थित बरमोरा में नहर किनारे छठ पर्व को लेकर चार दिनों तक उत्साह का वातावरण रहा। जिले में पिछले कई वर्षो से बिहार, झारखंड व पूर्वी उत्तर प्रदेश के हजारों श्रद्धालुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर छठी मइया के प्रति अपनी आस्था का परिचय दिया। वहीं डुग्गर प्रदेश में अपने प्रदेश की संस्कृति का अदान प्रदान कर आपसी भाईचारे का माहौल बनाने का अनूठा प्रयास रहा है।
रात भर ठंड के बावजूद नहर के किनारे पूजा स्थल पर बने पंडाल में छठी मइया की आराधना एवं लोकगीत के साथ आतिशबाजी एवं पटाखे फोड़ने की आवाज ने शहर में एक बार फिर दीवाली जैसा माहौल होने का अहसास कराया। लोक गीतों की धुन से शहर में अपने घरों में सो रहे स्थानीय निवासियों को रातभर बिहार व पूर्वांचल के पास होने के माहौल में डूबे होने का अहसास होता रहा। इस पर्व की सबसे बड़ी महत्वता यह रही कि कई श्रद्धालु अपने परिवार सहित छठ मइया की आराधना में डूबे रहे। सुबह होते ही फिर शाम की तरह पहले की तरह पूरी आस्था के साथ नहर के किनारे अपने परिवार सहित उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पहुंचे, जिसमें पूरी सामग्री के साथ पति एवं पत्नी ने नहर में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और नमस्कार करके संतान की लंबी आयु एवं सदैव स्वस्थ रहने की कामना के साथ पूजा को संपन्न किया। कठोर उपवास के साथ तीन दिवसीय पूजा को देखने के लिए स्थानीय निवासी भी देखने पहुंचे।
रात भर पूजा स्थल पर जागरण के लिए सभी आवश्य प्रबंध किए गए थे। पंडाल के अलावा लाइटों का विशेष प्रबंध रहा। इसके अलावा पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर जवान तैनात कर रखे थे। सुबह के अर्घ्य संपन्न होते ही प्रसाद का वितरण किया गया। कोट्स--
मैं पिछले 10 वर्षो से छठ पूजा कर रही हूं। इसमें मेरे पति श्री राम भी लगातार साथ रहते हैं। उनका पूजा में बराबर का सहयोग रहता हैं। अब तो यहां भी पूजा करके अपने पूर्वांचल प्रदेश जैसा माहौल दिखने लगा है।
-सीमा, निवासी वाराणसी कोट्स--
छठ पूजा का परिवार के लिए विशेष महत्व रहता है। करीब एक सप्ताह की तैयारियों के बाद पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जुटाई जाती है। उसके दो दिन के बाद इसी स्थल पर उनकी पत्नी के अलावा बच्चे भी साथ रहते हैं।
-श्री राम, निवासी वाराणसी कोट्स--
कठिन व्रत के साथ अपनी पत्नी सहित यहां पर दो साल से पूजा करते आ रहे हैं। अब बहुत अच्छा लगने लगा है, यहां पर पूजा करते समय, क्योंकि यहां पर उमड़ा श्रद्धालुओं का समूह अपने ही प्रदेश के लोगों का एक मिलन कार्यक्रम बन जाता है।
- मनोज, सुल्तानपुर यूपी