आखिरकार पकड़ में आया आदमखोर तेंदुआ, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
वन्य जीव विभाग की टीम को आखिर पहली सफलता कस्बे के वार्ड 1 में लगे पिजरे में फंसा तेंदुआवन्य जीव विभाग की टीम को आखिर पहली सफलता
संवाद सहयोगी, रामकोट: आखिरकार आदमखोर तेंदुआ डेढ़ माह बाद पकड़ में आ ही गया। इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। उधर, तेंदुए को पकड़ने को प्रशासन अपनी बहुत बड़ी उपलब्धि मान रही है। जाल में फंसे तेंदुए को देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। फिलहाल, तेंदुए को मांडा जम्मू स्थित वाइल्ड लाइफ सेंचूरी भेज दिया गया है।
दरअसल, आदमखोर तेंदुए की तलाश वन विभाग की टीम प्रशासन के साथ मिलकर करीब डेढ़ माह से कर रही थी, क्योंकि उसने गुलगेड़ा के एक युवक को अपना पहला शिकार बनाया था। मंगलवार सुबह 8 बजे के करीब वन्यजीव विभाग का कर्मचारी लीला कृष्ण रुटीन के दौरे के दौरान वार्ड नंबर एक में रास्ते के साथ लगती झाड़ियों में लगाए गए पिंजरे से कुत्ता को निकालने के लिए गया तो पिजरे में बंद तेंदुआ उसपर गुर्राया। अपने आप पर हमला होते देख कर्मचारी ने अपने आप को बचाने के लिए उल्टी छलाग लगा दी और चिल्लाते हुए सड़क पर आ गिरा। घबराहट में कुछ बोल नहीं पा रहा था। मौके पर मौजूद ब्लॉक अधिकारी दिनेश शर्मा और टीम ने उसे ढांढ़स बंधाया और पुलिस को सूचना दे दी।
इसके बाद चौकी प्रभारी यशपाल शर्मा भी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। चौकी प्रभारी के अनुसार पकड़ा गया तेंदुआ करीब 60 से 70 किलोग्राम का है। पकड़े गए तेंदुए को मांडा जम्मू स्थित विभाग के वाइल्ड लाइफ सेंचूरी ले जाया जाएगा। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोग तेंदुए को देखने के लिए उक्त स्थान पर जमा हो गए। इसके कारण पुलिस लोगों से पिजरे से दूर रहने की अपील करती नजर आई।
करीब साढ़े 11 बजे जम्मू माण्डा वाइल्ड लाइफ सेंचूरी से आए डॉक्टर डॉ.रंजीत सिंह ने इंजैक्ट कर उसे बेहोश कर दिया। इसके बाद पौने बारह बजे पर तेंदुए को चौकी पुलिस लाया गया, जिसके बाद करीब 12 बजे उसे जम्मू भेज दिया गया। रेंज अधिकारी बिशंबर सिंह ने बताया कि यह एक नर तेंदुआ है। अभी क्षेत्र में करीब दो दर्जन के करीब तेंदुए है, लेकिन इनमें से सभी ऐसे नही है जो कि आम लोगों के लिए खतरा हो। फिलहाल उनका प्रयास है कि जो भी तेंदुआ लोगों के लिए खतरा बन रहा है, उसे इस इलाके से दूर किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए। बाक्स---
तेंदूए का युवक बना था पहला शिकार
गत वीरवार शाम यानि पांच दिसंबर को बन विभाग द्वारा हायर किए गए एक शिकारी ने पेड़ पर से तेंदुए को निशाना बनाया था, जिसके बाद तेंदुए ने करीब 20 फुट ऊपर छलांग भी लगाई थी और नीचे गिरते ही छलांग लगाता हुआ भाग गया, लेकिन शिकारी का अब कोई सुराग नहीं मिला है। इसी रह 11 नवंबर की शाम को तेंदुए ने एक युवक को पहला शिकार बनाया था। मारे गए युवक के पिता मोहिद्र कुमार, ताया भोला दस, चिमन लाल, चाचा मदन लाल ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि क्षेत्र में बेधड़क घूम रहे बाकी बचे तेंदुओं को भी जल्द पकड़ा जाए, ताकि किसी और की जान बच सके। ग्रामीण इंद्रजीत रैणा, गिरधारी लाल, सरपंच प्रदीप सिंह, सुनीत चंद, हरदयाल, मोहिद्र सिंह मन्कोटिया, कुलभूषण दयोनिया ने प्रशासन से वाइल्ड लाइफ विभाग की टीम को अभी एक-दो माह तक यहीं पर रखने की मांग की है।
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क्षेत्र को तेंदुआ से मुक्त करने के लिए स्थानीय लोगों का काफी दवाब था। प्रशासन लोगों को तेंदूए की दहशत से बचाने के लिए काफी प्रयासरत है। तेंदूए को पकड़ पाना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। क्षेत्र में बाकी बचे तेंदुओं को भी पकड़ने का प्रयास जारी रहेगा। जल्द ही क्षेत्र में बाकी के बचे तेंदूए भी पकड़ में आ जाएंगे।
- आरके राठौड़, तहसीलदार।