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बजू नदी के किनारे लगा गंदगी का ढेर, पानी हो रहा है प्रदूषित

संवाद सहयोगी कठुआ भारत सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान और जल संरक्षण को लेकर लोगों को जागरू

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 06:55 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 12:19 AM (IST)
बजू नदी के किनारे लगा गंदगी का ढेर, पानी हो रहा है प्रदूषित
बजू नदी के किनारे लगा गंदगी का ढेर, पानी हो रहा है प्रदूषित

संवाद सहयोगी, कठुआ: भारत सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान और जल संरक्षण को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। वहीं नगर परिषद नगरी द्वारा कई वर्षों से बजू दरिया के किनारे लगाए जा रहे कूड़े कचरे के गंदगी के ढेर से नदी का पानी हो रहा है दूषित।

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गौर हो कि नगरी कस्बे में दो वर्ष पहले भी बजू नाले का पानी दूषित होने से कई सारी मछलिया मर गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि कठुआ की फैक्टरियों का दूषित पानी बजू नदी में छोड़ा जा रहा हैं, जिस वजह से नदी की सारी मछलिया मरी है। आलम यह है कि एक ओर देश में नदियों के संरक्षण के लिए सरकार कई अभियान चला रही है, लेकिन बजू नदी को साफ करने के बजाय प्रदूषित किया जा रहा है।

नगरी कस्बे के आसपास के कई गावों के लिए बजू नदी जीवनदायी कही जाती है, लेकिन नगर परिषद द्वारा ही प्रदूषित किया जा रहा है। कस्बे से निकलने वाला कचरा तो इस नदी के किनारें फेंका ही जा रहा है, साथ ही लोगों ने घरों के गंदे पानी के नाले भी इसी नदी से जोड़े हुए है। रोजाना नगर से जो कचरा व गंदगी इकट्ठी किया जाता है, उसे ट्रैक्टर ट्रॉली और ऑटो में भरकर पुराने पुल के पास फेंका जा रहा है, जिससे नदी के किनारे जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए है। इस वजह से पानी दूषित हो रहा है, इस नदी का पानी से गाव के लोग नहाने, कपड़े धोने और खेतो में लगी फसल के प्रयोग में लाते हैं, लेकिन पानी दूषित होने से अब उपयोग बहुत ही कम हो गया है। अगर जल्द ही प्रशासन नहीं जागा तो वह दिन दूर नहीं कि इस नदी को पानी पूरी तरह से दुषित हो जाएगा। कोट्स----

हमारे पास कूड़ा फेंकने संबंधी कोई भी ऐसा योजना नहीं आई है। जिससे इस गदंगी को कही और शिफ्ट किया जा सके। फिर भी प्रयास करेगे कि बजू नदी के किनारे से कूड़ा फेंकने के बजाए कहीं और शिफ्ट किया जाए।

-रविन्द्र सिंह, ईओ, नगरी, म्यूनिसिपल कमेटी। कोट्स---

हटली मोड़ में वेस्ट मीटिरियल प्लाट लगाया जा रहा है। जहा पर कस्बे का सारा कूड़ा कचरा ट्रक में भरकर भेजा जाएगा और वहां पर खाद बनाया जाएगा। इससे नदी के किनारें लगे कूड़े के ढेर से भी निजात मिलेगी। खाद का भी इस्तेमाल कर सकेंगे।

-शशिकात वर्मा, प्रधान, नगरी, म्यूनिसिपल कमेटी।


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