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मित्रता अपने आप में एक परिपूर्ण रिश्ता: आचार्य

गांव धोलिया जटां के शिव मंदिर में चल रहे भागवत सप्ताह सोमवार को संपन्न हो गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 10:39 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 06:15 AM (IST)
मित्रता अपने आप में एक परिपूर्ण रिश्ता: आचार्य
मित्रता अपने आप में एक परिपूर्ण रिश्ता: आचार्य

संवाद सहयोगी, चड़वाल: गांव धोलिया जटां के शिव मंदिर में चल रहे भागवत सप्ताह सोमवार को संपन्न हो गया।

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भागवत कथा के सातवें दिन कथा वाचक आचार्य किशोरी ने सुदामा चरित्र का वर्णन किया, जिसमें उन्होंने कृष्ण और सुदामा की मित्रता के बारे में गहनता से बताया। कथा वाचक ने बताया कि आज मित्रता मात्र स्वार्थ पर आकर टिक गई है, लेकिन मित्रता का संबंध एक ऐसा संबंध है, जिससे बड़ा संबंध ना तो कोई है और ना ही होगा। मित्रता अपने आप में एक परिपूर्ण रिश्ता है, जैसे किसी भी वस्तु के लिए कोई भी स्थान नही होता है। भागवत में कृष्ण और सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए स्वयं कृष्ण ने इस संसार को सच्ची मित्रता का पाठ पढ़ाया है। कृष्ण के राजा होने के बाद भी वर्षो बाद सुदामा को पहचानना और उन्हें अपने समान आदर दिलवाना और प्रेम में चावल खिलाकर दो लोकों का राजपाठ देना सच्ची मित्रता को इंगित करता है। कथा के दौरान दिलीप सिंह,अशोक सिंह, हरबंस लाल, राजकुमार सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।


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