बंकरों का निर्माण न होने पर जताया रोष
बंकरों का निर्माण न होने पर जताया रोषबंकरों का निर्माण न होने पर जताया रोषबंकरों का निर्माण न होने पर जताया रोषबंकरों का निर्माण न होने पर जताया रोष
संवाद सहयोगी, हीरानगर : गोलीबारी से प्रभावित गांव छन्नटांडा में जमीन होते हुए भी कुछ लोगों के पक्के बंकर नहीं बने, जिनके बने हैं, उससे संतुष्ट भी नहीं है।
ग्रामीण रमेश चंद्र का कहना है कि उसके पास बंकर बनाने के लिए घर में भी और बाहर पशुओं के लिए बनाए गए तवेले में जमीन भी है, लेकिन पीडब्ल्यूडी के अधिकारी बार-बार कहने के बावजूद बंकर नहीं बना रहे, जबकि कुछ लोगों के उन्होंने बाहर भी बनाए हैं। अब लगातार गांव में गोलीबारी हो रही है, उसका परिवार सुरक्षित नहीं है, प्रशासन को बंकर भी जल्द बनाना चाहिए। इसी तरह, शाम लाल का कहना है कि उसके पास बंकर के लिए घर में जगह है, फिर भी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बंकर नहीं बनाया। गोलीबारी के दौरान उसका परिवार घर में कैसे सुरक्षित रह सकता है। जिन लोगों के घरों में एक दो फुट जगह कम है, वहां जरूरत के मुताबिक छोटा बना देना चाहिए।
गोपाल दास का कहना है कि पहले समझते थे कि गोलीबारी के दौरान बंकर के अंदर सुरक्षित रह सकते हैं, मगर रात को हुई गोलीबारी के दौरान जिस तरह मोर्टार गिरने से छर्रे बंकर की जालियों के अंदर चले गए हैं, उससे सुरक्षित कैसे रह सकते हैं। पीडब्ल्यूडी को बंकर जमीन से चार फुट उपर बनाने चाहिए थे, ताकि शैल फटने से छर्रे अंदर न जा सके। कुछ के अंदर बाहर से पानी आ रहा है।