संवाद सहयोगी, चड़वाल: पंचायत मीरपुर में पड़ते गांव सुजमा में ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर रोष प्रदर्शन किया। ग्रामीण करीब दो वर्षो से पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि दो वर्षो से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। पीएचई विभाग से लेकर उच्चाधिकारियों के चक्कर लगाकर थक चुके हैं, गांव में पानी की पाइप में तो बिछा दी गई हैं, लेकिन उसे पानी ही नहीं आता है। इसके कारण आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर महिलाओं को काफी परेशानी होती है, एक हैंडपंप लगा है लेकिन वह भी गांव से दूर है। पानी लाने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है, सरकार कहती है कि पानी बचाओ, लेकिन गांव में अभी तक पानी ही नहीं आया। आज के समय में भी ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा है।
गांव में 50 घर है, जिसमें 200 से ज्यादा लोग हैं। गांव के नजदीक एक प्राचीन मंदिर है, यहां पर भी काफी संख्या में लोग माथा टेकने आते हैं, लेकिन उन्हें पानी से दो-चार होना पड़ता है। प्रदर्शनकारियों में शामिल हंसराज का कहना है कि विभागों के चक्कर लगा कर थक चुके हैं, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिलता है। आखिर कब तक इस तरह से चलता रहेगा, पानी के कनेक्शन तो दे दिए, लेकिन उनमें पानी ही नहीं आता है। लिहाजा, जल्द से जल्द पानी मुहैया करवाएं, जिससे लोगों को सहूलियत प्रदान हो।
पीएचई के जेई (सिविल) मनोज के अनुसार गांव में पानी की समस्या तो है, जिसे देखते हुए एस्टीमेट बना दिया गया है। जैसे ही फंड आते हैं, पाइप भी डाल दी जाएगी। पहले यहां घर कम थे, लेकिन अब यहां ज्यादा घर है। इसके कारण पानी की किल्लत आ रही है, लेकिन जल्द ही पैसे आते ही पानी की सप्लाई सुचारु करने का काम कर दिया जाएगा।
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