Move to Jagran APP

आजाद हिद फौज की 75वीं वर्षगांठ मनाई

आजाद हिद फौज की 75वीं वर्षगांठ मनाईआजाद हिद फौज की 75वीं वर्षगांठ मनाईआजाद हिद फौज की 75वीं वर्षगांठ मनाईआजाद हिद फौज की 75वीं वर्षगांठ मनाईआजाद हिद फौज की 75वीं वर्षगांठ मनाईआजाद हिद फौज की 75वीं वर्षगांठ मनाईआजाद हिद फौज की 75वीं वर्षगांठ मनाईआजाद हिद फौज की 75वीं वर्षगांठ मनाईआजाद हिद फौज की 75वीं वर्षगांठ मनाई

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 11:45 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 06:24 AM (IST)
आजाद हिद फौज की 75वीं वर्षगांठ मनाई
आजाद हिद फौज की 75वीं वर्षगांठ मनाई

संवाद सहयोगी,कठुआ: आजाद हिद फौज की 75वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय जागरण समिति द्वारा लखनपुर के मुख्य बाजार में यूथ फेडरेशन सहयोग से कार्यकम का आयोजन किया गया। कार्यकम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में लखनपुर के वरिष्ठ नागरिक रिटायर्ड आर्मी दूनी चंद दुबे मजूद रहे । इस दौरान राष्ट्रीय जागरण समिति के संयोजक जीवन ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस देश के ऐसे महानायकों में से एक हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।

loksabha election banner

राविवार को 5वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय जागरण समिति द्वारा कार्यकम के दौरान मुख्य अतिथि ने कहा कि 21 अक्टूबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिगापुर में आजाद हिद सरकार की स्थापना की थी। उस समय 9 देशों की सरकारों ने आजाद हिद सरकार को मान्यता दी थी। इस सरकार ने कई देशों में अपने दूतावास भी खोले थे। स्कूल के छात्र छात्राओं दिवंश खजुरियाए अवनि खजुरिया ने सुभाष चंद्र की जीवनी पर कविताएं पेश की युवाओं को राष्ट्र भक्ति एवं निर्माण के लिए प्रेरित किया। मुख्य वक्ता राजन ने बताया कि अपने सार्वजनिक जीवन में नेताजी को कुल 11 बार कारावास की सजा दी गई थी। 1941 में वह जर्मनी पहुंच गए और हिटलर से मुलाकात कर अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध के लिए आजाद हिन्द फौज का गठन किया।नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत से जुड़े कई किस्से कहानियां हैं सच तो ये है कि आज भी किसी को ये नहीं पता कि आखिर नेताजी की मृत्यु कैसे हुई सभी जानते हैं कि नेताजी का जन्मदिन 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ था और मृत्यु 18 अगस्त 1945 को ताइवान में हुई बोस से जुड़ी कोई भी बात हो उनकी मृत्यु की गुत्थि का जिक्र जरूर होता है। कि बोस की मौत 1945 में एक प्लेन क्रैश में हो गई थीए लेकिन क्या ये सच्चाई है। उसके बाद भी कई लोगों ने ये दावा किया कि उन्होंने बोस को जिदा देखा है कुछ का कहना था कि बोस रशिया चले गए थे। लेकिन आज तक उनकी मौत के रहस्य की गुत्थी नहीं सुलझ पाई है। इस अवसर पर लखनपुर कमेटी के उपाध्यक्ष एडवोकेट राकेश शर्माए सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार शर्मा, मोहिदर शर्मा, यूथ फेडरेशन अध्यक्ष सनी शर्मा, जोगिदर पाल शास्त्री, अनिल पराशर आदि उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.