मौसम साफ होते ही छतों से बर्फ हटाने में जुटे ग्रामीण, यातायात प्रभावित
तीसरे दिन भी जिला मुख्यालय से सड़क मार्ग भारी भूस्खलन के कारण बंद है। इसके अलावा बिलावर स्थित मल्हार-देरीगलां मार्ग भी यातायात के लिए बंद है।
जागरण संवाददाता, कठुआ: वीरवार को मौसम में कुछ सुधार होने के बाद जहां एक तरफ निचले हिस्से में किसान खेतों में पहुंच कर बारिश से खराब हुई फसल को देखकर चेहरे लटकाये हुए हैं, वहीं पहाड़ों पर भारी बर्फबारी के कारण ग्रामीणों की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं जो कि अब मौसम साफ रहने के साथ ही कम होंगी। इन सब के बीच मौसम साफ होते ही कुछ युवक बर्फबारी का नजारा लेने के लिए पहाड़ों की ओर रुख किए हुए थे। हालांकि, बनी क्षेत्र में बर्फबारी व भूस्खलन से मार्ग बुरी तरह से प्रभावित हैं, जहां पर गर्मियों में पर्यटकों से गुलजार रहने वाला प्रसिद्ध पर्यटक स्थल सरथल में छह से 7 फीट बर्फबारी पड़ी है। इसके चलते इस क्षेत्र में सर्दी के दिनों में बर्फबारी का नजारा लेने भी पर्यटक नहीं पहुंच पाते हैं।
ऐसे में जिला पहाड़ी क्षेत्र बनी, डुग्गन, लोहाई मल्हार में बारिश के बाद हुई बर्फबारी से लोगों को सबसे ज्यादा मुश्किल पैदल व यातायात मार्ग बंद होने से बढ़ी हैं। क्षेत्र में भारी बर्फबारी से बिजली आपूर्ति ठप पड़ी है, जिसे बहाल होने में अभी दो से तीन दिन लग सकते हैं, वो भी अगर मौसम साफ रहता है तब। इन क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित है। आलम यह है कि लोगों के घरों की छतों पर भी दो से चार फीट तक बर्फबारी हुई है।
वीरवार को मौसम साफ होने पर लोग अपने घरों की छतों पर बर्फबारी हटाने में लग गए थे, ताकि लकड़ी से बने घरों को ज्यादा देर बर्फ जमने से नुकसान न हो। ऐसा नजारा डाढू गांव में दिखा, जहां स्थानीय बब्बू नामक ग्रामीण अपने घर की छत पर जमी दो से ढाई फुट बर्फ को हटाते देखा गया। वहीं इन सब के बीच बनी उपमंडल में तीसरे दिन भी जिला मुख्यालय से सड़क मार्ग भारी भूस्खलन के कारण बंद है। इसके अलावा बिलावर स्थित मल्हार-देरीगलां मार्ग भी यातायात के लिए बंद है। पूरे क्षेत्र में तीन से चार-चार फुट बर्फबारी हुई है, जिससे लोगों का एक दूसरे गांव, ब्लॉक एवं तहसील से मार्ग का संपर्क टूटा है। मौजूदा समय में बनी-लोहांग, बनी-बरमोमा, बनी- ढग्गर, बनी-सित्ती आदि मार्ग बंद होने से बनी में आवश्यक सेवाओं की पूर्ति में भी कमी आने लगती है, लेकिन अभी ऐसी स्थिति नहीं है। अगर मौसम और खराब होता है तो पहाड़ी क्षेत्र के लोगों मुसीबतें बढ़ेगी।