101534 बच्चों को पिलाई जाएगी पोलियो ड्राप्स
(आईपीपीआई) कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए वीरवार जिला मुख्यालय पर डीसी ओपी भगत द्वारा अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई।
जागरण संवाददाता, कठुआ: जिले में पल्स पोलियो टीकाकरण (आईपीपीआई) कार्यक्रम को सुचारू रुप से संचालन के लिए वीरवार को डीसी ओपी भगत ने अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें बताया गया कि 19 जनवरी को जिले में पोलियो रोधी अभियान चलाया जाएगा। इसमें जिला के शून्य से 5 वर्ष तक के उम्र के 101534 बच्चों को पोलियो वैक्सीन पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में बताया गया कि अभियान को प्रभावी तरीके से चलाने के लिए जिले के 5 मेडिकल ब्लॉकों में 2320 अधिकारियों की तैनाती के साथ 580 वैक्सीन बूथ स्थापित किए गए हैं। साथ ही 8 मोबाइल टीमों के अलावा 14 ट्रांजिट टीम, 116 पर्यवेक्षी कर्मचारी और शिक्षकों के सहयोग और 30 मोबाइल टीम के सदस्यों का उपयोग टीकाकरण प्रक्रिया के उचित निष्पादन और निगरानी के लिए किया जाएगा। डीसी ने अधिकारियों को अभियान की सफलता के लिए अपना अहम योगदान देने के लिए जोर दिया, ताकि कोई भी बच्चा टीकाकरण प्रक्रिया से वंचित न रह जाए। उन्होंने विशेष रूप से श्रमिक वर्ग आबादी को केंद्रित करने वाले उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों को कवर करने पर ध्यान केंद्रित किया।
डीसी ने कहा कि सभी हितधारकों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे जिले में पोलियो को रोकने के लिए 100 फीसद लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करें। डीसी ने इसके लिए आम जनता से भी अपील की कि वे 0 से 5 वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे को पल्स पोलियो बूथ या पारगमन बिदु पर पल्स पोलियो ड्रॉप्स दें, ताकि बच्चों का सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।
बैठक के बाद डीसी की देखरेख में आरबीएसके डॉक्टरों, बीएमओ, पैरा मेडिकल स्टाफ और मोबाइल टीम के सदस्यों के लिए एक संवेदीकरण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें टीबी उन्मूलन की रणनीति पर चर्चा की गई, ताकि 2025 तक देश में इस बीमारी को पूरी तरह से मिटा दिया जा सके। प्रदेश टीबी अधिकारी, जम्मू, डॉ.संजय तुर्की ने बैठक को सूचित किया कि 500 रुपये प्रति माह उपचार की अवधि के दौरान, टीबी रोगी को निक्षय योजना के तहत दिया जाएगा और डॉक्टर को टीबी रोगी लाने वाले मुखबिर को प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाएगा। एडीसी अतुल गुप्ता ने टीबी रोग और इसके लक्षणों के बारे में जागरूकता पैदा करने पर जोर दिया, ताकि मरीज डॉक्टर से संपर्क कर सकें और डॉक्टर की निगरानी में उचित उपचार कर सकें, तभी इस बीमारी के फैलने से रोक सकते हैं। बैठक में सीएमओ डॉ. अशोक चौधरी, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. संजय शर्मा, जिला तपेदिक अधिकारी डॉ.राधा कृष्णन, आईपीपीआई कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।