16 सीटों की क्षमता वाली मिनी बस में 100 सवारियां
उनकी जान से खेलने का क्रम जारी रखे हुए हैं। सबसे खतरनाक बात ये है कि जिन रूटों पर ऐसे ओवरलोडड यात्री वाहन दौड़ते हैंवहां पर सड़कें बदहाल होती हैं।
जागरण संवाददाता, कठुआ: भारी जुर्माने के साथ लागू हो चुके नये यातायात कानून के बाद भी जिले में कई स्थानों पर नियमों की अवहेलना जारी है। यातायात पुलिस सिर्फ सार्वजनिक स्थानों पर नाके लगाकर वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करने में लगी हुई है, जबकि दूसरी तरफ ग्रामीण रूटों पर मिनी बस चालक 16 सीटों की क्षमता वाले यात्री मिनी बसों में 100 सवारियों को ठूस कर उनकी जान से खेलने का क्रम जारी रखे हुए हैं।
सबसे खतरनाक बात यह है कि जिन रूटों पर ऐसे ओवरलोडेड यात्री वाहन दौड़ते हैं, वहां पर सड़कें बदहाल हैं। वहां पर सामान्य यात्री वाहन भी सावधानी से गुजरते हैं, लेकिन मिनी बस चालक ज्यादा सवारियां ठूस कर ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में एक तो नियमों की अवेहलना करने से बाज नहीं आ रहे हैं, वहीं उनकी जान से भी खेलने में लगे हैं। हालांकि, जहां ऐसी स्थिति में मिनी बस चालक सवारियों को जिम्मेदार बताने का प्रयास करके अपने को जिम्मेदार नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि स्कूल में छुट्टी के समय या फिर लोग जानबूझ कर सवार होते हैं कि उन्हें जल्दी पहुंचना है या फिर उनके पास इस रूट पर कोई और गाड़ी की सुविधा नहीं है। ये तर्क मिनी बस चालक देकर अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास करते हैं, लेकिन वो भूल जाते हैं कि जब दुर्घटना होगी या कार्रवाई होगी तो उन्हें ही भुगतना पड़ेगा, लेकिन कौन रोज कार्रवाई करने उनके रूट पर आता है, इसलिए जितने दिन कमाई होती है कर लें, जब जुर्माना होगा तो देखा जाएगा की सोच लेकर अपने वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियां ठूंस कर चलते हैं। कुछ ऐसा ही उदाहरण राजबाग-धन्नी रोड पर देखा जा सकता है, जहां का रोड पहाड़ी एवं तीखे मोड़ होने के साथ बदहाल स्थिति में है, फिर भी वहां ओवरलोडिग का ²श्य भयावह होता है। जरा सा भी वाहन से चालक का संतुलन खोया तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है। ऐसे रूट पर यातायात पुलिस को भी अपनी चेकिग बढ़ानी चाहिए अन्यथा कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
वहीं यातायात पुलिस के डीएसपी गिरधारी लाल का कहना है कि उनके ध्यान में ये मामला आया है, जिस पर तुरंत कार्रवाई होगी।