जस्टिस ने मुंसिफ कोर्ट की जर्जर बिल्डिंग का लिया जायजा
बिल्डिंग को तैयार होने में समय लगेगा। असुरक्षित बिल्डिंग में कोर्ट का कार्य चलाना खतरे से खाली नहीं है। वहीं मुंसिफ कोर्ट बसोहली की बिल्डिंग खस्ताहाल में है। इस बिल्डिंग को पीडब्ल्यूडी बसोहली ने भी असुरक्षित करार दिया है। इस बिल्डिंग में काम करना खतरे से खाली नहीं है। पूरी बिजली की फिटिग खराब हो चुकी
संवाद सहयोगी, बसोहली : मुंसिफ कोर्ट की बिल्डिंग की दयनीय हालत को लेकर हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव कुमार शुक्ला ने दौरा किया। कोर्ट परिसर में पहुंचने पर वकीलों ने उनका स्वागत किया। इसके साथ गार्ड ऑफ ऑनर से जस्टिस का स्वागत किया गया।
इस अवसर पर बार एसोसिएशन के प्रधान हरीश शमर, सचिव राजीव शमर, एडवोकेट जगदीश राज सपोलिया, एडवोकेट शुभ पुरोहित, एडवोकेट अनिल कुमार आदि ने बताया कि बसोहली मुंसिफ कोर्ट के वकील कई प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। मुंसिफ कोर्ट को शिफ्ट करने के लिए पहले से ही कार्यवाही चल रही है। उसी सिलसिले में जस्टिस ने मौके पर आकर स्थिति का जायजा लिया। कोर्ट शिफ्ट करने के लिए पुराने अस्पताल की बिल्डिंग का चयन किया गया है। पुराने अस्पताल की बिल्डिंग इको टास्क फोरम के पास है। बिल्डिंग खाली करने के लिए कागजी तौर पर कार्य पूरा हो चुका है। मौके पर पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन, इको टास्क फोरम के डीएफओ भी उपस्थित रहे। जस्टिस ने कहा कि नई बिल्डिंग को तैयार होने में समय लगेगा। असुरक्षित बिल्डिंग में कोर्ट का कार्य चलाना खतरे से खाली नहीं है। वहीं मुंसिफ कोर्ट बसोहली की बिल्डिंग खस्ताहाल है। इस बिल्डिंग को पीडब्ल्यूडी बसोहली ने भी असुरक्षित करार दिया है। पूरी बिजली की फिटिग खराब हो चुकी है और कभी भी शॉर्ट सर्किट हो सकता है। वकीलों के चैंबर की छत से कब प्लास्टर टपक कर किस पर गिरेगा, इस बात का पता नहीं। मौजूदा समय में वकील, यहां पर टाइप करने वाले, मुंसिफ कोर्ट के कर्मचारी खतरे का सामना कर रहे हैं। इसके साथ ही वकीलों ने बताया कि सब जज को भी बिठाया जाए। कलेक्टर का पद खाली पड़ा है, जिसके चलते केस अधूरे पड़े हुए हैं।