कम बारिश से मुरझाने लगी फसलें, सिंचाई की सता रही चिंता
संवाद सहयोगी हीरानगर। फरवरी माह में हीरानगर क्षेत्र में जोरदार बारिश नहीं होने की वजह से गेहूं क
संवाद सहयोगी, हीरानगर। फरवरी माह में हीरानगर क्षेत्र में जोरदार बारिश नहीं होने की वजह से गेहूं की फसल सूखने लगी है। सिंचाई वाले गावों में नहर का पानी नहीं छोड़े जाने से खेतों में किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे और कंडी तथा सीमा से सटे गाव यहा किसान बारिश पर निर्भर हैं। वहा फसल सूख रही है। पौधों के शिट्टे नहीं निकाल रहे। वहीं, कुछ स्थानों पर पीलिया रोग का प्रकोप शुरू होने से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। जंगी चक के पास एक युवा किसान को ट्रैक्टर टैंकर से पानी लाकर फसल को सिंचाई करते देखा गया, लेकिन ऐसे सिंचाई कर पाना सभी जगह संभव नहीं है। अगर अगले कुछ दिनों में बारिश नहीं पडी तो गेहूं के उत्पादन पर भारी कमी आ सकती है। वहीं कुछ गावों में गेहूं पर पीलिया रोग का प्रकोप भी दिखने लगा है और किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों से सब्सिडी पर दवा उपलब्ध कराने की माग की है। किसान तरसेम लाल मनोहर लाल सरदारी लाल जनक राज बोधराज का कहना है कि।जिन गावों में रावी तवी सिंचाई विभाग ने सुए बनाए हैं। वहा नहर का पानी छोड़ा जाना चाहिए अन्यथा फसल पूरी तरह सूख जाएंगी। इस की माग भी किसान उच्चाधिकारियों से कर चुके हैं लेकिन अभी तक पानी नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि हर साल गेहूं की फसल पर पीलिया रोग का प्रकोप होता है।फसल को बचाने के लिए दवाइयों का छिड़काव करना जरूरी है। किसानों को बाजार से दवाइया खरीदनी पड़ रही हैं। कृषि विभाग को सब्सिडी पर दवा उपलब्ध करनी चाहिए। वहीं कृषि विभाग के मढीन जोन के एईओ विनोद शर्मा का कहना है कि येलोरस्ट का प्रकोप अभी सभी जगह नहीं दिख रहा है। यहा दिख रहा है वहा किसान प्रापीकोनाजोल दवाई 30एम एल प्रति कनाल के हिसाब से कर सकते हैं। कुछ जगह तेला नामक रोग से भी गेहूं के पौधों के पत्ते सूख रहे हैं वहा किसान अमीडाकलोपराईड दवाई 5एम एल एक पंप में डाल कर छिड़काव कर सकते हैं। सब्सिडी पर दवा अभी नहीं आई हैं। किसान बाजार से खरीद कर छिड़काव कर सकते हैं।