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कृषि सिचाई योजना से क्षेत्र में आने लगी हरियाली

संवाद सहयोगी हीरानगर सब डिवीजन के अंतर्गत कंडी क्षेत्र में किसान खेती के लिए बारिश के प

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 12:20 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 12:20 AM (IST)
कृषि सिचाई योजना से क्षेत्र में आने लगी हरियाली
कृषि सिचाई योजना से क्षेत्र में आने लगी हरियाली

संवाद सहयोगी, हीरानगर: सब डिवीजन के अंतर्गत कंडी क्षेत्र में किसान खेती के लिए बारिश के पानी पर निर्भर है, सिचाई के अभाव में हर साल फसलें सूख जाती थी, लेकिन अब किसान प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के तहत खेतों में छोटे तालाब बना कर सिचाई कर सब्जियां व फलदार पौधे लगा कर न केवल अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं, बल्कि क्षेत्र में हरियाली भी आने लगी है।

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हीरानगर जोन में कृषि विभाग ने गरा पंचायत के सैडा गांव में तीन-तीन लाख की लागत से तीन तालाब बना कर किसानों को सिचाई हेतु 40 फीसद सब्सिडी पर इंजन तथा निशुल्क भिडी के बीज उपलब्ध कराए हैं। कृषि विभाग की प्रेरणा से अब अन्य गांवों के किसान भी सरकार से प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के तहत तालाब तथा डीप बोरवेल लगाने की मांग कर रहे हैं। कोट्स---

कंडी क्षेत्र में रावी तवी सिचाई नहर का पानी नहीं पहुंचता। ऐसे में किसान बारिश के पानी पर ही निर्भर रहते हैं। सिचाई का कोई अन्य स्त्रोत भी नहीं। अब प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना से थोडी उम्मीद बंधी है। योजना के तहत पंचायत के सैडा गांव में तीन तालाब बनवाए गए हैं, जिनसे सिचाई कर गांव के सात किसान सब्जियां लगा कर आमदनी बढ़ा रहे हैं। योजना से किसानों को लाभ पहुंच सकता है, सरकार को फंड में बढ़ोतरी करनी चाहिए।

-अश्विनी शर्मा, सरपंच गरा, पंचायत। कोट्स---

प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना किसानों की किस्मत बदल सकती है। बरसात के दिनों में बारिश का पानी व्यर्थ में बह जाता है। छोटे-छोटे तालाबो का निर्माण करवाकर बारिश के पानी को सिचाई के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। जैसे की सैडा गांव के किसान ला रहे हैं। बैक टू विलेज अभियान के तहत आए अधिकारियों से भी सरपंच, पंचों ने तालाब, बोरवेल लगाने की मांग रखी थी। कृषि विभाग को योजना के तहत फंड बढ़ाना चाहिए। सिचाई की सुविधा मिलने से लोग सब्जियां, बागवानी कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।

-रामलाल कालिया, चेयरमैन, हीरानगर। कोट्स---

प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के तहत विभाग की तरफ से सैडा गांव में तीन तालाब बनवाए गए थे, नीचले क्षेत्र में यहां जलस्तर ऊपर है, पांच छैलो बोरवेल लगवाए थे। तालाब के लिए तीन लाख और बोरवेल के लिए पच्चास हजार तक फंड दिया जाता है। इस बार कंडी क्षेत्र में बीस तालाब और दस बोरवेल लगाने के लिए प्रोपोजल भेजा गया है।

- हनीश जम्वाल एइओ, कृषि जोन, हीरानगर। कोट्स---

प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के तहत एक वाटर टैंक, एक पाली हाउस, एक डीप बोरवेल महकमा बागवानी की तरफ से कंडी क्षेत्र में लगाए गए हैं जिससे सिचाई कर कंडी क्षेत्र के किसान बागवानी कर रहे है।

- दलजीत सिंह पाऊ, तहसील अधिकारी, बागवानी विभाग, हीरानगर जोन।


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