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सीमांत क्षेत्र में युवाओं की भर्ती 10 किमी तक करने से सीमावासियों में रोष

संवाद सहयोगी, हीरानगर : पाकिस्तान की गोलाबारी से प्रभावित सीमा क्षेत्र के 60 प्रतिशत युवाओं को आइआरप

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jun 2018 10:13 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jun 2018 10:13 PM (IST)
सीमांत क्षेत्र में युवाओं की भर्ती 10 किमी तक करने से सीमावासियों में रोष
सीमांत क्षेत्र में युवाओं की भर्ती 10 किमी तक करने से सीमावासियों में रोष

संवाद सहयोगी, हीरानगर : पाकिस्तान की गोलाबारी से प्रभावित सीमा क्षेत्र के 60 प्रतिशत युवाओं को आइआरपी की पाच बटालियन में भर्ती करने की केंद्रीय गृह मन्त्री राजनाथ सिंह की घोषणा का सीमात लोगों ने स्वागत किया है। इस भर्ती में दस किलोमीटर तक के युवाओं को लिया जाएगा। इससे सीमात लोग सहमत नहीं, लोगों का कहना है कि यह तो चुनावी घोषणा लगती है। अगर

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गोलाबारी पाच किलोमीटर के अन्दर के गावों में होती है और पलायन भी उन्हीं लोगों करना पड़ा है स्कूल भी पाच किलोमिटर के अन्दर के बंद होते है तो फिर दस किलोमीटर में भर्ती करने से सीमात युवाओं को कैसे मौका मिलेगा। दूसरा लोगों का यह भी कहना है कि पाच बटालियन की भर्ती करने की सरकार ने डेढ़ साल पूर्व घोषणा की थी अब दोबारा हुई है। भर्ती कब होगी यह नहीं बताया गया। क्या कहते है लोग -

सुरक्षित स्थानों पर पाच पाच मरले प्लाट की सीमात लोगों की मुख्य माग थी। जिसे सरकार ने यह कहकर खारिज कर दिया कि सेना नहीं मानती। इससे गाव खाली हो जाएंगे। गोलाबारी के खौफ से 20 प्रतिशत लोग पहले ही पलायन कर चुके है। जिन किसानों की खेती बंद हो चुकी है वे पक्के बंकरों में छुप कर क्या करेगे। उन्होंने भी रोजी रोटी की तलाश में पलायन करना पडे़गा। उन्हे सरकार कैसे रोक पाएगी। अगर यहीं स्थिती रही तो इस पर गंभरीता से विचार करना चाहिए। -अशोक सिंह पानसर। गोलाबारी से प्रभावित सीमात क्षेत्र के 60 प्रतिशत युवाओं को आइआरपी की पाच बटालियन में भर्ती किया जाएगा। केन्द्रीय गृह मन्त्री की घोषणा का हम स्वागत करते है। यह घोषणा डेढ़ साल पहले भी हुई थी लेकिन अभी तक भर्ती की तिथि घोषित नहीं हुई। पढे़-लिखे युवा भर्ती का इतजार कर ओवर ऐज हो रहे है। अगर सरकार प्रभावितों को राहत देना चाहती है तो भर्ती जल्द होनी चाहिए। -भारत भूषण, प्रधान बार्डर यूनियन पाकिस्तान की गोलाबारी से हीरानगर विधानसभा क्षेत्र के रिगाल से पहाड़पुर तक 33 गाव प्रभावित हैं। जिनकी गोलाबारी की वजह से 15 हजार कनाल जमीन पर खेती बंद है। तारबंदी में आई जमीन का लोगों को मुआवजा नहीं मिला। पलायन भी इन्हीं गावों के लोगों को करना पड़ता है, पढ़ाई भी इनके बच्चों की प्रभावित होती है। भर्ती दस किलामीटर की होगी यह तो

चुनावी घोषणा है।

-शम्बू सिंह पानसर केन्द्र में भाजपा की सरकार चार साल पूरे कर चुकी है। गोलाबारी भी चार सालों से हो रही है। एक तो गोलाबारी से लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है दूसरा बिजली, पानी, सडकों, शिक्षा, स्वास्थ जैसी मूलभूत सुविधाओं से लोग वंचित है। वीएडीपी के तहत विकास के लिए आने वाला फंड भी सीमात गावों में खर्च नहीं होता। अब चुनाव नजदीक आते ही सरकार ने घोषणा तो की है लेकिन विश्वास नहीं होता कि लोगों को राहत मिलेगी। -अशोक कुमार, मांडयाल


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