तारबंदी के आगे की जमीन पर गेहूं की बिजाई करवाने पर जताया एतराज
संवाद सहयोगी हीरानगर किसानों की अनुमति के बिना तारबंदी के आगे 15 वर्षो से खाली पड़ी जमीन पर प्र
संवाद सहयोगी, हीरानगर: किसानों की अनुमति के बिना तारबंदी के आगे 15 वर्षो से खाली पड़ी जमीन पर प्रशासन द्वारा गेहूं की बिजाई करवाए जाने का बार्डर वेलफेयर कमेटी ने कड़ा एतराज जताया है।
मंगलवार को कमेटी के अध्यक्ष नानक चंद के नेतृत्व में किसान चादवा पोस्ट पर बीएसएफ के अधिकारी से मिलकर एतराज जताया। अध्यक्ष नानक चंद का कहना है की हीरानगर सेक्टर में तारबंदी के आगे आठ हजार कनाल जमीन पड़ती है, जिस पर किसान 15 वर्षो से खेती नहीं कर सके और बार्डर वेलफेयर कमेटी सरकार से जब से जमीन खाली पड़ी है, उसके किराए की माग कर रही है। इसके लिए हाईकोर्ट में याचिका भी दायर कर रखी है और अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अब जिला प्रशासन किसानों की अनुमति के बगैर ही बीएसएफ से मिलकर खेती करवा रहा है, इसके कारण खेतों की हदबंदी भी नहीं रही। उन्होंने कहा कि किसान कुछ शर्तो के साथ खेती करने को तैयार थे, लेकिन पहले 15 सालों का किराया देने की माग कर रहे हैं। सरकार बिना अनुमति के ही खेती करवा रहा है। इसके लिए कमेटी दोबारा हाईकोट में गुहार लगाएगी। उन्होंने कहा कि एक तो तारबंदी के आगे मलकियत की जमीन पर खेती नहीं हो रही और पीछे पड़ती सरकारी जमीन की किसानों की गिरदावरी भी खारिज कर दी है। इस मौके पर रमेश चंद्र, तारा चंद, गुलशन कुमार, गयाना चंद, जोगिन्दर पाल, तिलक राज, नरेश कुमार आदि शामिल थे। बहरहाल, किसानों ने कहा कि अगर उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो संघर्ष करने को मजबूर होंगे।