Move to Jagran APP

दो साल बीतने पर भी नाले पर पुल का निर्माण अधर में

जागरण संवाददाता कठुआ हीरानगर उपमंडल मुख्यालय को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर दो साल पहले

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 12:15 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 12:15 AM (IST)
दो साल बीतने पर भी नाले पर पुल का निर्माण अधर में
दो साल बीतने पर भी नाले पर पुल का निर्माण अधर में

जागरण संवाददाता, कठुआ: हीरानगर उपमंडल मुख्यालय को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर दो साल पहले नाले पर डबल लेन का पुल बनाने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने नींव पत्थर रखा था, लेकिन निर्माण कार्य वहीं तक सीमित रहा, उसके बाद पुल का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है, जबकि उक्त मार्ग के बीच बहने वाले नाले पर बना पुराना पुल एक तो सिगल लेन होने के कारण मौजूदा समय में कई गुणा बढ़े यातायात के भार से जर्जर हो चुका था, जिसके चलते स्थानीय निवासियों की मांग पर पुल के निर्माण की मांग पूरी की गई और इसी के चलते पुल का निर्माण कार्य शुरू कराया गया। लेकिन कार्य नींव पत्थर तक ही सीमित हो कर रह गया है।

loksabha election banner

उक्त मार्ग हीरानगर उपमंडल मुख्यालय में एसडीएम कार्यालय के अलावा सीमांत क्षेत्र के सैकड़ों गांवों को जोड़ता है। इसके बाद अब तो हीरानगर में अरुण जेटली अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम भी बनने जा रहा है। ऐसे में पुल का निमार्ण जल्द और प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए, लेकिन निर्माण एजेंसी जेकेपीसीसी पुल का निर्माण शुरू नहीं कर पा रही है, जिससे लोगों को सुविधा की आस की बजाय अभी निराशा ही हासिल हो रही है।

कांग्रेस के पूर्व जिला उपप्रधान एवं रावी रीवर एक्शन कमेटी के चेयरमैन महेंद्र पाल शर्मा ने कहा कि हीरानगर उपमंडल मुख्यालय को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग के इस विशेष कार्य से जुड़े पुल का निर्माण अभी तक नींव पत्थर रखने के बाद शुरू न होना मौजूदा सरकार के विकास की दावों की पोल खोलता है। अगर कोई कार्य के निर्माण की नींव दो साल पहले रखी गई है तो उसका अभी तक काम शुरू न होना क्या दर्शाता है। इससे लगता है कि सरकार निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने की बजाय जगह-जगह नींव पत्थर रखकर श्रेय लेने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रही है। अगर सही मायने में गंभीर होती तो इसका कार्य दो साल से अब तक शुरू किया होता है। हालांकि. पुराना पुल 5 दशक से भी पहले बना है, जो आज के दौर में बढ़ते यातायात के भार को उठाने में सक्षम नहीं है। ऐसे में इस तरह के कार्य प्राथमिकता पर होने चाहिए न कि नींव पत्थर रखकर वहां से गुजरने वालों को मुहं चिढ़ाने का काम करे। निर्माण एजेंसी को जवाबदेय बनाना चाहिए कोट्स----

पुल का निर्माण किन्हीं कारणों से रुका है। अब सचिवालय से एप्रूवल मिल चुका है। जल्द ही दो करोड़ की लागत से बनने वाले पुल का काम शुरू होगा। हालांकि, मुख्य कार्य रुकने का मुख्य कारण कोरोना काल भी रहा है, लेकिन अब जल्द शुरू होगा।

-एडवोकेट विजय शर्मा, चेयरमैन, नगर पालिका, हीरानगर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.