सफाई कर्मियों की हड़ताल से बिगड़ी शहर की सूरत
अस्थायी कर्मियों की हड़ताल तीसरे दिन बुधवार को भी जारी रही। इसके कारण शहर में कचरे के ढेर बड़े होने से शहर की सूरत बिगड़ने लगी है। शहर कचरे से पट गया है। जगह-जगह लगे डस्टबिन से कचरा ओवरफ्लो होकर बीच मार्ग पर आने लगा है। राहगीरों को कचरे के बीच से होकर गुजरना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता,कठुआ : अस्थायी कर्मियों की हड़ताल तीसरे दिन बुधवार को भी जारी रही। इसके कारण शहर में कचरे के ढेर बड़े होने से शहर की सूरत बिगड़ने लगी है। शहर कचरे से पट गया है। जगह-जगह लगे डस्टबिन से कचरा ओवरफ्लो होकर बीच मार्ग पर आने लगा है। राहगीरों को कचरे के बीच से होकर गुजरना पड़ रहा है। स्वच्छता अभियान लागू रहते सफाई कर्मियों की जारी हड़ताल से निपटने के लिए नगर परिषद एवं कमेटियों के पास अभी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। ऐसे में लोगों का कचरे से पटी गलियों, बाजारों एवं मुख्य सड़कों से होकर गुजरना मुश्किल हो सकता है। इतना ही नहीं, बदल रहे मौसम में हड़ताल लंबी खिचने पर शहर में महामारी फैलने की आशंका बनी रहेगी।
मौजूदा समय में शहर के कॉलेज रोड, शहीदी चौक, मुखर्जी चौक, पारलीवंड क्षेत्र में फुट ब्रिज, जराई चौक, कृष्णा कालोनी आदि में प्रतिदिन सफाई कर्मियों द्वारा की जाने वाली सफाई के बाद कचरा डंप करने वाले डस्टबिन प्वाइंट पर बिखरे कचरे से शहर की सूरत बिगड़ने लगी है। शहर में प्रतिदिन 20 टन के करीब कचरा निकलता है, जिसे सफाई कर्मी वाहनों में लोड कर नदियों,खड्डों एवं खाली प्लाटों में फेंकते हैं,जो अब हड़ताल के कारण बीच सड़कों में ही बिखरा रहा है।
ऐसा ही कुछ हाल प्रदेश के मुख्य प्रवेश द्वार लखनपुर का है,जहां पर भी बस अड्डे पर बिखरा कचरा अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों को मुंह चिढ़ा रहा है। जैसे ही कोई गाड़ी वहां से तेज गति से गुजरती है तो सड़क पर कचरा भी इधर से इधर बिखर जाता है। लखनपुर में भी म्यूनिसिपल कमेटी अभी तक कचरा उठाने के लिए कोई प्रबंध नहीं कर पा रही है। उधर हड़ताल पर गए सफाई कर्मियों की मांगों को लेकर कठुआ नगर परिषद कार्यालय, लखनपुर में भी धरना प्रदर्शन जारी रहा।
जल्द काम पर लौटेंगे सफाई कर्मी : नप अध्यक्ष
नगर परिषद के प्रधान नरेश शर्मा ने कहा कि सफाई कर्मियों की हड़ताल से शहर के लोगों को होने वाली परेशानी को लेकर नगर परिषद गंभीर है। हड़ताल जल्द समाप्त हो, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, उम्मीद है कि जल्द सफाई कर्मी काम पर लौटेंगे। हालांकि सड़कों पर बिखरे कचरे में 90 फीसद पॉलीथिन है, इसे हटाना और जब्त करना प्रदूषण विभाग का काम है। ऐसे में अगर प्रदूषण विभाग भी अपनी ड्यूटी सक्रियता एवं इमानदारी से निभाए तो भी काफी हद तक राहत मिलती,लेकिन प्रदूषण विभाग ने एक भी बार प्रतिबंधित पॉलीथिन के प्रयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।