मरम्मत के लिए नहरें बंद, किसान कह रहे पानी छोड़ो
जागरण संवाददाता कठुआ सफाई व मरम्मत कार्य के लिए वार्षिक बंदी के चलते अभी नहर बंद कि
जागरण संवाददाता, कठुआ : सफाई व मरम्मत कार्य के लिए वार्षिक बंदी के चलते अभी नहर बंद किए हुए एक महीना भी नहीं हुआ है कुछ क्षेत्रों के किसान नहरों में पानी छोड़े जाने की मांग करने लगे हैं। उधर, कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तत्काल कहीं भी सिचाई की जरूरत नहीं है। अभी 10 दिन पहले बारिश हो चुकी है। 20-25 फरवरी के बीच फिर बारिश की संभावना है। ऐसे में किसान फसलों को सिचाई करने के लिए चिता न करें। दरअसल चार दिन पहले हीरानगर के कुछ किसानों ने नहरों में पानी छोड़े जाने की मांग की। मांग कर रहे किसानों ने कहा कि उनकी फसल सूख रही है, जल्द पानी न छोड़ने से उनकी फसल पतली पड़ सकती है। इस समय फसल तैयार होने को है। इसके लिए सिचाई की जरूरत है। इसके अलावा छपाकी के किसान भी ऐसी ही मांग करने लगे हैं। निहर विभाग के कार्यकारी अभियंता सुदेश कुमार ने कहा कि नहर की 13 अप्रैल तक कैलेंडर के हिसाब से बंदी की गई है। अभी नहर बंद किए हुए एक महीना भी नहीं हुआ तो अभी से ही पानी छोड़ने की मांग हो रही है। अभी नहरों की मरम्मत होनी है। इसके लिए टेंडर किए जाने हैं। उसके बाद ही सरकार नहर खोलने का फैसला लेगी। बंदी के बाद नहर में तय समय से पानी छोड़ने का फैसला सरकार का होता है।
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कोट्स---
जिन क्षेत्रों में नवंबर में गेहूं की बुआई हुई थी, वहां फसल में अब दाने लगने की तैयारी हो रही है। ऐसे क्षेत्रों में सिचाई की जरूरत होती है, लेकिन अभी इतनी नहीं है। अभी दस दिन पहले बारिश हो चुकी है और 20 फरवरी के बाद फिर संभावना है। ऐसे में अगर बारिश हो जाती है तो वहां भी सिचाई की जरूरत नहीं रहेगी। जिन किसानों ने एचडी 2967 बीज लगाया है, वो अपनी फसल को बीमारी से बचाने के लिए एक लीटर पानी में एक एमएल प्रोपीकोनाजोन मिलाकर उसका छिड़काव जरूर करें।
डा. विशाल महाजन, प्रमुख विज्ञानी, कृषि विज्ञान केंद्र, कठुआ