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Coronavirus Effect: कोरोना काल में टैक्सी आपरेटरों का धंधा हुआ चौपट, सबसे ज्यादा मार लखनपुर में जारी पाबंदियाें से पड़ी

पूरी तरह से स्थानीय निजी सवारियों की बुकिंग पर निर्भर टैक्सी चालक इन दिनों हाथ पर हाथ धरे समय को कोस रहे हैं क्योंकि एक तो लखनपुर में जारी पाबंदियाें के चलते बीते साल से वैसे भी धंधा ठप पड़ा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 09:01 AM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 09:01 AM (IST)
Coronavirus Effect: कोरोना काल में टैक्सी आपरेटरों का धंधा हुआ चौपट, सबसे ज्यादा मार लखनपुर में जारी पाबंदियाें से पड़ी
कोरोना ने धंधे में नुकसान होने की चिंता में डाल दिया है।

कठुआ, जागरण संवाददाता: कोरोना काल ने हालांकि हर वर्ग को प्रभावित किया है,लेकिन कठुआ के टैक्सी चालक बात करें ताे उनको सबसे ज्यादा नुक्सान उठाना पड़ रहा है। आलम यह है कि कठुआ में इस समय 100 के करीब निजी टैक्सी आपरेटर हैं,जो इस समय कोरोना काल से बेकार होकर घरों में बैठें है।

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टैक्सी स्टेंड पर वीरानी छायी है।मौजूदा समय में शादी विवाह की बुकिंग से प्रत्येक टैक्सी आपरेटर का धंधा कुछ ठीक रहता था,इस बार भी शादी में सीमित मेहमान की संख्या का नियम लागू हाेने से सभी की बुकिंग नहीं हो पाई है,जब कि गत 22 अप्रैल से लेकर 10 मई तक ये सीजन था,वो भी ऐसे ही कोरोना काल और लॉकडाउन ने निगल लिया।पूरी तरह से स्थानीय निजी सवारियों की बुकिंग पर निर्भर टैक्सी चालक इन दिनों हाथ पर हाथ धरे समय को कोस रहे हैं,क्योंकि एक तो लखनपुर में जारी पाबंदियाें के चलते बीते साल से वैसे भी धंधा ठप पड़ा है।

जहां के नीजि टैक्सी आपरेटरों का मुख्य धंधा जिले के सटे पंजाब व हिमाचल पर ज्यादा निर्भर रहता था,लेकिन एक साल से जब से लखनपुर में पाबंदियां लगी हैं,वहां की सवारी ले जाने पर आपरेटर कई बार सोचते थे,अब तो पूरी तरह से बंद है,जब से वहां से लौटने पर कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया गया है।इसके अलावा जीएमसी से पंजाब के अस्पतालों में मरीजों आदि को दूसरे अस्पतालों में ले जाने पर भी अब कोरोना काल के चलते रिस्क हो रहा है।लोगों का व्यवसाय भी बंद पड़ा है।

कठुआ में ऐसा पर्यटक स्थल भी नहीं है,जिसके दम पर जहां के टैक्सी आपरेटरों का धंधा चलता है। करीब वर्ष से कोरोना काल से अपना छोटा सा धंधा भी मंदा देखकर उन्हें चिंता सताने लगी है।सभी के परिवार का पालन पोषण उनके टैक्सी के धंधे से ही होने वाली आय पर निर्भर है।मौजूदा समय में शहर में इस समय तीन टैक्सी स्टेंड हैं,तीनों पर वीरानी छायी है, पंजाब को मुख्य रूप से जुडे़ जिला में हालांकि टैक्सी आपरेटरों का धंधा सामान्य हालात के बीच ठीक ठाक गुजारे के मुताबिक चल जाता था,लेकिन कोरोना के एक साल ने उन्हें धंधे से नुकसान होने की चिंता में डाल दिया है।

अगर लखनपुर में पाबंदियां नहीं होती तो भी उनका धंधा चलता रहता,लेकिन अब जहां से जाने और वापस लौटने पर टेस्ट आदि की प्रक्रिया से उन्हें मुश्किलें आती हैं,दूसरा वहां पर हाइवे का नया टोल प्लाजा भी मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर जाने पर आर्थिक नुकसान का कारण बन गया है

  • शहर में इस समय सौ के करीब टैक्सी आपरेटर है,जिन्होंने लोन लेकर अपनी रोजी रोटी इसी से चला रखी है,लेकिन एक साल से जो करोना और लखनपुर में जारी पाबंदी ने मार दी है,उससे उनके लिए लोन की किश्ते चुकाना भी मुशकिल हो गया है.. बिट्टू जम्वाल, टैक्सी आपरेटर

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