कृषि कानूनों और महंगाई के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन
संवाद सहयोगी हीरानगर सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने तथा बढ़ती महंगाई के विरोध में
संवाद सहयोगी, हीरानगर : सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने तथा बढ़ती महंगाई के विरोध में काग्रेस कार्यकर्ताओं ने वीरवार को हीरानगर कस्बे में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में नारेबाजी की।
पूर्व एमएलसी सुभाष गुप्ता के नेतृत्व में कार्यकर्ता रोष रैली निकालते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचे और धरना शुरू कर दिया। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गुप्ता ने कहा कि आम जनता अच्छे दिनों की उम्मीद लगाए बैठी थी, लेकिन अब डीजल, पेट्रोल, गैस की बढ़ती कीमतों की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। महंगाई इतनी बढ़ गई है कि गरीबों का गुजर-बसर करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि एक तो कोविड-19 की वजह से लोगों के रोजगार छिन गएष दूसरी तरफ सरकार तरह-तरह के टैक्स लगा रही है। प्रत्येक वर्ग सरकार की गलत नीतियों की वजह से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि काग्रेस के समय लोगों को डिपो से 35 किलो राशन, चीनी मिलती थी। गरीबों का गुजारा हो जाता था। अब लोगों को चीनी पर्याप्त नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि देश का किसान तीन काले कृषि कानून के विरोध में तीन माह से सड़कों पर है। दो सौ के करीब किसान आदोलन के दौरान अपनी जान गंवा चुके हैं। सरकार किसानों की सुध नहीं ले रही और उल्टा उन पर तरह-तरह के आरोप लगा कर बदनाम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हीरानगर सेक्टर में पिछले दो वर्ष से हुई पाकिस्तान की गोलीबारी से सीमावर्ती लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। अभी तक सरकार की तरफ से प्रभावित लोगों को मुआवजा नहीं दिया गया। यहा तक कि एसपीओ की बार्डर भर्ती में भी सीमा से सटे गावों के तीन चार युवाओं को ही चुना गया है। सुभाष गुप्ता ने कहा कि सरकार तीन काले कानून, जिसके विरोध में किसान आदोलन कर रहे हैं। पेट्रोल, गैस की कीमतें कम करे, ताकि लोगों को राहत मिल सके। प्रदर्शनकारियों में परबीन भगत, रमेश कुंडल, रूलदू राम, भूषण सागडा, सुरेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह, लक्की, मुरारी लाल, महेंद्र पाल, तरसेम लाल, सतपाल आदि भी शामिल थे।