सीमांत स्कूलों में बनाए जाएं बंकर
हीरानगर : भारत-पाक सीमा से सटे गावों के सरकारी स्कूलों में बच्चों व शिक्षकों की सुरक्षा
हीरानगर : भारत-पाक सीमा से सटे गावों के सरकारी स्कूलों में बच्चों व शिक्षकों की सुरक्षा के कोई उचित प्रबंध नहीं है। इससे अभिभावकों में पाकिस्तानी गोलाबारी के दौरान हमेशा बच्चों की सुरक्षा की चिंता सताती रहती है। पहले हुई पाकिस्तानी गोलाबारी के दौरान हीरानगर सेक्टर के छन्न लालदीन स्कूल में पड़े गोलियों के निशान आज भी देखे जा सकते हैं।
ग्रामीणों में स्वर्ण चंद, सुरजीत कुमार, महेंद्र पाल ने बताया कि वर्ष 2017 में पाकिस्तानी रेंजरों ने स्कूल को भी निशाना बनाया था और फाय¨रग की गोलिया सीधे स्कूल के शौचालय में लगी थीं। गनीमत रही कि उस समय स्कूल बंद था नहीं तो जानी नुकसान भी हो सकता था।
उन्होंने बताया कि स्कूल गाव के आगे है, जब भी गोलाबारी होती है सबसे पहले स्कूल ही निशाने पर रहता है। 2015 में भी गोलाबारी के कारण स्कूल के पीछे एक घर में दो महिलाएं घायल हो गई थी, जिसमें से एक की मौत हो गई थी।
ग्रामीणों ने कहा कि हीरानगर सेक्टर में छन्न लालदीन, पानसर, मन्यारी, कडियाला, गुगार चक्क, लडवाल, लौंडी स्कूल है, जिनमें शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों में बंकर बनाने चाहिए ताकि गोलाबारी के दौरान स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे व यहां के शिक्षक सुरक्षित रह सकें। उन्होंने कहा कि कई बार स्कूल में बंकर बनाने की मांग की गई है, लेकिन अभी तक बंकर नहीं बन पाए है। अलबता एक बार फिर ग्रामीणों ने मांग की है कि बच्चों व शिक्षकों की सुरक्षा को देखते हुए जल्द से जल्द स्कूल में बंकर का निर्माण करवाया जाए, ताकि भविष्य में सभी सुरक्षित रह सकें।