बनी तहसील में 60 क्विंटल मशरूम उत्पादन का लक्ष्य
कठुआ जिले की पहाड़ी तहसील बनी का तापमान मशरूम की खेती के लिए बेहतर है। यहां के किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए कृषि विभाग इस क्षेत्र में मशरूम की खेती को बढ़ावा दे रहा है। कृषि विभाग की ओर से इस वर्ष पहली बार बनी तहसील में 60 क्विंटल मशरूम का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जुटे हुए हैं।
संवाद सहयोगी, बनी : कठुआ जिले की पहाड़ी तहसील बनी का तापमान मशरूम की खेती के लिए बेहतर है। यहां के किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए कृषि विभाग इस क्षेत्र में मशरूम की खेती को बढ़ावा दे रहा है। कृषि विभाग की ओर से इस वर्ष पहली बार बनी तहसील में 60 क्विंटल मशरूम का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जुटे हुए हैं।
कृषि विभाग के एईओ सुरेंद्र कुमार के अनुसार बनी तहसील में मशरूम की खेती करने के लिए करीब 30 किसानों का चयन किया गया है। इन सभी किसानों को 2000 कंपोस्ट के बैग दिए गए हैं। इतना ही नहीं, कंपोस्ट के इन बैगों में मशरूम का बीज भी उपलब्ध करा दिया गया है। अगर किसान विभाग के अनुसार काम करेंगे तो करीब एक महीने के बाद इस फसल की पैदावार शुरू होगी। मशरूम की खेती के लिए चयनित किसानों को विभाग की तरफ से हर समय जानकारी दी जा रही है। आधुनिक तरीके से मशरूम की फसल लगाने के लिए किसानों के पास रोजाना कृषि विभाग के कर्मचारी पहुंचकर उनको मशरूम को उगाने का तरीका बता रहे हैं। किसानों के लिए अच्छी बात यह है कि इस मशरूम की खेती के लिए उन्हें शेड बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी पैदावार घर के अंदर कमरे में होगी। इसके लिए तापमान आदि का भी ख्याल रखना पड़ेगा। इसके लिए 18 डिग्री से ऊपर तापमान नहीं होना चाहिए। ऐसा तापमान सिर्फ बनी तहसील में ही संभव हो सकता है। इससे पहले ट्रायल के तौर पर बनी तहसील में मशरूम की फसल लगाई जाती थी लेकिन इस वर्ष कृषि विभाग ने 60 क्विंटल मशरूम निकालने का लक्ष्य तय किया है। अगर लक्ष्य हासिल हो गया तो बनी तहसील में विभाग की एक बड़ी कामयाबी मानी जाएगी। जिस समय मशरूम तैयार होती, इसकी कीमत 250 से ऊपर हो सकता है। अगर किसान चाहे तो कृषि विभाग इसकी मार्केटिंग की सुविधा भी मुहैया करवा सकता है।