अनुच्छेद 370 हटने के 365 दिन में बदले जिंदगी, व्यापार, कानून व्यवस्था के हर रंग
राकेश शर्मा कठुआ एक साल में जम्मू कश्मीर में जहां सब कुछ बदला वहीं प्रदेश के मुख्य प्रव
राकेश शर्मा, कठुआ: एक साल में जम्मू कश्मीर में जहां सब कुछ बदला, वहीं प्रदेश के मुख्य प्रवेश द्वार लखनपुर में नई व्यवस्था शुरू हो जाने से लाखों लोगों को बड़ी राहत मिली है। प्रदेश के मुख्य प्रवेश द्वार लखनपुर से सात दशक पुरानी टोल व सेल्स टैक्स व्यवस्था बंद कर दिए जाने के बाद जम्मू कश्मीर के ही नहीं, बल्कि देश के उन सभी लोगों को भी राहत मिली है जो जम्मू कश्मीर में व्यापारिक सामान के साथ-साथ घरेलू सामान लाने के लिए हजारों रुपये टैक्स देते थे। इससे जम्मू कश्मीर के नागरिकों को देश के अन्य राज्यों से महंगा सामान मिलता था। इसका सबसे बड़ा उदाहरण सीमेंट है जो कि अब प्रति बैग 70 रुपये कम रेट पर मिल रहा है।
दरअसल, पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35ए आर्टिकल हटाने की घोषणा की थी, क्योंकि अनुच्छेद राज्य के विकास में रोड़ा बना हुआ था। पहले प्रदेश के मुख्य प्रवेश द्वार लखनपुर जम्मू कश्मीर के अलावा प्रत्येक देशवासियों को आने पर बड़ी अड़चन बना हुआ था, इतना ही नहीं, बड़े औद्योगिक घराने अपने उद्योग तक स्थापित नहीं कर पा रहे थे। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल पा रहे थे, प्रदेश के लोग दो परिवारों की हुकूमत की मनमानी के कारण विकास से भी अछूते रहे। हालांकि, जम्मू कश्मीर सरकार को एक साल पहले लखनपुर से सालाना 700 करोड़ रुपये की आय होती थी, लेकिन उक्त आय को नजरअंदाज करते हुए केंद्र सरकार ने लखनपुर में टोल व सेल टैक्स के बने दो बड़े रोड़े हटा दिए। इसके बाद से जम्मू कश्मीर में कोई भी नागरिक अब बिना रोकटोक के आ सकता है। इतना ही नहीं, कठुआ व जम्मू के लोग तो अब पठानकोट जाकर रोजमर्रा का घरेलू सामान भी खरीदने के लिए जाने लगे हैं। बाक्स----
217 वेस्ट पाक रिफ्यूजियों को मिले स्थायी नागरिकता
विगत 70 सालों से जम्मू कश्मीर की नागरिकता के लिए संघर्ष करने वाले वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजियों को सबसे बड़ी राहत 370 हटने से मिली है। कठुआ में जारी डोमिसाइल प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया में अब तक 217 वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजियों को 30 जुलाई तक स्थायी नागरिकता के प्रमाण पत्र मिल चुके हैं, अन्य को तेजी से मिलने का क्रम जारी है। स्थानीय वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजी के बैनर तले संघर्ष करने वाले छज्जू राम ने बताया कि पूर्व सरकारों के कार्यकाल में उनकी एक पीढ़ी की जिदगी स्थायी नागरिकता हासिल करने के लिए संघर्ष में ही बीत गई, आज वर्तमान मोदी सरकार के होते हुए उनके संघर्ष का अंत हुआ। हर माह की 15 तारीख को विगत दस सालों से स्थायी नागरिकता पाने के लिए संघर्ष करने वाले अब वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजियों को बड़ी राहत मिली है। बाक्स----
जिले में विकास ने पकड़ी तेजी
अनुच्छेद 370 हटने के बाद जिले में विकास की गति को तेजी मिली है। जिले में करोड़ों नहीं अरबो के प्रोजेक्ट शुरू हुए। कुछ तो पूरे भी हो चुके हैं, जिसमें उत्तर भारत का पहला बीज संयत्र प्लांट कठुआ में स्थापित हुआ। जीएमसी की मंजूरी मिली और उसकी 200 करोड़ की इमारत भी बनकर लगभग तैयार है। इसके अलावा बायोटेक पार्क के निर्माण में तजी आई। पासपोर्ट कार्यालय खुला, जिला के विकास में सबसे अहम 9160 करोड़ की उज्ज परियोजना एवं 5800 करोड़ की शाहपुर कंडी परियोजनाओं को आगे बढ़ने में इसी वर्ष के दौरान गति मिली। जिले में सड़कों का जाल बिछा, जिसमें 70 साल से मांग कर रहे बॉर्डर के लोग भी तरनाह नाले पर पुल से जुड़े। बेई नाले के अलावा उज्ज पर भी पुल बनने से नई स्टेट कनेक्टिविटी का लाभ लेने लगे हैं। अब बिलावर में बाल सुंदरी से टनल की योजना भी बनने लगी और इसके अलावा कई सालों से कछुआ चाल से जारी बनी-बसोहली भद्रवाह मार्ग के निर्माण में तेजी आई। बाक्स----
कठुआ बना राष्ट्र भक्त लोगों की आस्था का केंद्र
अनुच्छेद 370 हटने के बाद प्रदेश के मुख्य प्रवेश द्वार जिला मुख्यालय कठुआ में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे देश भक्त की प्रतिमा स्थापित हुई, अब उसके बाद मुखजी चौक पर जिले में पहला 110 फीट तिरंगा लहराना आज से शुरू होगा।