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डेढ़ माह बाद जीएमसी का डायलिसिस यूनिट फिर हुआ शुरू

जागरण संवाददाता कठुआ करीब डेढ़ माह से परेशान डायलिसिस लेने वाले दर्जनों मरीजों के लि

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 12:38 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 12:38 AM (IST)
डेढ़ माह बाद जीएमसी का डायलिसिस यूनिट फिर हुआ शुरू
डेढ़ माह बाद जीएमसी का डायलिसिस यूनिट फिर हुआ शुरू

जागरण संवाददाता, कठुआ: करीब डेढ़ माह से परेशान डायलिसिस लेने वाले दर्जनों मरीजों के लिए वीरवार को जीएमसी से राहत की खबर है। तकनीकी खराबी के कारण बंद पड़ा डायलिसिस यूनिट दोबारा शुरू हो गया है। इसके चलते रेगुलर डायलिसिस लेने वाले मरीजों को अब पठानकोट या जम्मू के निजी अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा, उन्हें अब जिला मुख्यालय पर ही सरकारी अस्पताल में उक्त सुविधा मिलेगी।

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वीरवार को अस्पताल प्रशासन ने डायलिसिस यूनिट के शुरू होने की जानकारी सार्वजनिक करते हुए बताया कि पहले दिन चार मरीजों को डायलिसिस किया गया। अब ये सुचारु रूप से काम करना शुरू हो गया है। गत 20 अप्रैल से बंद पड़ी डायलिसिस लेने वाले मरीजों के लिए ये सुविधा बहाल होने से अस्पताल प्रशासन को भी राहत मिली है, क्योंकि जांच के लिए मरीजों को आगे भेजा जाता था। तकनीकी खराबी के कारण बंद हुए यूनिट को कोविड के चलते समय पर मरम्मत करना मुश्किल हुआ, क्योंकि इसके टेक्नीकिल हैदराबाद से पहुंचना था। इसके अलावा कुछ ऐसे पार्ट थे, जो जारी कोरोना क‌र्फ्यू के कारण सब कुछ बंद होने के कारण लाने में भी देरी हुई, लेकिन अब सब ठीक हो गया है

बता दें कि डेढ़ माह के दौरान बंद पड़े यूनिट का मुद्दा उप राज्यपाल के अलावा उनके सलाहकारों के ध्यान में भी स्थानीय लोग ला चुके थे। अब कुछ दिन पहले जीएमसी पहुंचे स्वयं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इसका कड़ा संज्ञान लिया। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए जल्द यूनिट को फंक्शनल बनाने के प्रयास किए। जिले में उक्त सुविधा अभी गत वर्ष ही मिली थी, जिसमें डायलिसिस की सुविधा मरीजों को सरकारी रेट पर मिलने से बड़ी राहत मिली है। अभी जिले में एक और बड़ी सुविधा सीटी स्कैन भी बहाल होनी है,जो कई महीनों से बंद पड़ी है। उसके लिए भी उपराज्यपाल से स्थानीय लोग गुहार लगा चुके हैं। सीटी स्कैन सुविधा बहाल हुए भी अभी कुछ साल हुए हैं, लेकिन सुचारु न चलने से मरीजों को उचित लाभ अपने जिले में नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण सड़क हादसे में सिर पर गंभीर चोटें आने पर मरीजों को जीएमसी जम्मू रेफर करना पड़ता है।


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