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सड़कों पर दौड़ रहे बिना फिटनेस वाले वाहन सुरक्षित यातायात में बाधा

जागरण संवाददाता कठुआ आज के परिवहन युग में जहां वाहनों की होड़ लगी है वहीं दूसरी

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 11:50 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 11:50 PM (IST)
सड़कों पर दौड़ रहे बिना फिटनेस वाले वाहन सुरक्षित यातायात में बाधा
सड़कों पर दौड़ रहे बिना फिटनेस वाले वाहन सुरक्षित यातायात में बाधा

जागरण संवाददाता, कठुआ: आज के परिवहन युग में जहां वाहनों की होड़ लगी है, वहीं दूसरी ओर सड़कों पर सुरक्षित यातायात कैसे दौड़े, ये भी एक अहम मुद्दा है। इससे वाहन चालक के साथ उसमें सवार अन्य लोगों की सुरक्षित जिदगी का सवाल जुड़ा है। वाहन चलाते समय उसमें सवार अन्य सवारियां और सड़क पर चलने वाले वाहन या पैदल लोग कैसे सुरक्षित रहें, इसके लिए वाहन चलाते समय चालक को पूरी सावधानी बरतनी होगी, ताकि वे खुद भी सुरक्षित रहे और सड़कों पर दौड़ने वाले अन्य को भी सुरक्षित बनाने में अपना योगदान देकर अपना दायित्व निभाए।

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जिले में सड़क दुर्घटनाओं के पिछले दस वर्षो के आंकड़ों पर अगर नजर दौड़ाई जाए तो आंकड़ा घूम फिर वहीं रुक रहा है, जहां हर साल होता है। जिले में हर साल 500 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं के मामले दर्ज होते हैं। इसमें 70 से लेकर 90 लोग हादसों की वजह अपनी जान गंवाते हैं और 600 से ज्यादा घायल होते हैं। हालांकि, ऐसे मामलों में जहां चालक की लापरवाही ही मुख्य कारण माना जाता है, लेकिन कई दुर्घटनाओं में चालक के अलावा बिना फिटनेस वाहनों का सड़कों पर दौड़ना और कई मामलों में जर्जर सड़कें भी हादसों का कारण बनती है। जिन पर कोई भी कारण जानने का प्रयास नहीं करता है, सिर्फ चालक की लापरवाही को ही दोष देकर संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारी से बच जाते हैं। इससे हादसों का सिलसिला जारी रहता है।

जिले में कई स्थानों पर ऐसी बदहाल सड़कें हैं, जहां पर वाहन दौड़ना खतरे से खाली नहीं है, खासकर यात्री वाहन। जिले में ऐसी सड़कें पहाड़ी क्षेत्र बनी, लोहांग, बसोहली, बिलावर आदि जगहों पर हादसों का कारण बनती है। ऐसी सिगल लेन वाली सड़कों पर तीखे मोड़, जो वाहन चालक के लिए जानलेवा साबित होते हैं। इसी के चलते ज्यादा हादसे बनी, बसोहली, बिलावर मार्ग पर होते हैं।

बहरहाल, जिले में कुल एक लाख वाहनों में से 20 हजार के करीब वाहन 15 साल से पुराने हो चुके हैं। जिनमें 300 से ज्यादा यात्री वाहन शामिल हैं, जो आए दिन यात्रियों की जिदगी के साथ खेल कर सुरक्षित यातायात में बाधा बनते हैं, लेकिन सरकारी और कोर्ट के आदेश के बाद भी जिले में जर्जर वाहन चोरी छिपे दौड़ रहे हैं। संबंधित विभाग की कार्रवाई उन तक शायद ही पहुंच पाती है। अगर पहुंचती तो अभी भी इतनी संख्या में कुल एक हजार में से 300 के करीब जर्जर होने पर सड़कों पर दौड़ते नजर नहीं आते हैं जो अक्सर दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं।

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जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में दौड़ रहे हैं पुराने वाहन

हाइवे और उससे सटे लिक मार्गों पर हालांकि पुराने वाहन कम ही दिखते हैं, लेकिन जिले के बनी, लोहांग, मल्हार, कटली आदि मार्ग पर ऐसे वाहन दौड़ते हैं, जो कई सालों से फिट भी नहीं है और जर्जर हालत में होने पर भी दौड़ते हैं। इसके अलावा बसोहली के दूरदराज क्षेत्रों में भी ऐसे वाहन दौड़ रहे हैं। इसमें कुछ सामान्य यात्री बसें, कुछ मिनी बसें एवं सूमो भी शामिल हैं। सूमो ज्यादातर बनी-लोहांग मार्ग पर दौड़ रही हैं। इसके अलावा कंडी क्षेत्र में भी ऐसे वाहन बीच-बीच में हटली ओवरलोड होते देखे जाते हैं। और तो और कई बार हाइवे पर भी ऐसे ओवरलोड वाहन दौड़ते देखे जाते हैं जो सुरक्षित यातायात में बाधा बनते हैं। बाक्स----

बिना फिटनेस वाले भी धड़ल्ले से हाइवे पर दौड़ते हैं वाहन

अब तो हाइवे पर सरेआम ट्रैक्टर ट्राली व्यवसायिक वाहन के तौर पर दौड़ती देखी जाती है। खेतों एवं ग्रामीण क्षेत्र में दौड़ने की अनुमति वाले कृषि वाहन ट्रैक्टर अब शहरों में ठेकेदारों ने इसे अपने कार्यों में मुख्यता से व्यवसायिक वाहन बना लिया है। टिप्पर के स्थान पर जुगाड़ से ट्रैक्टर ट्राली अब आम व्यवसायिक वाहन हो गया है। किसी भी निर्माण कार्य, ईट भट्ठा, स्टोन क्रशर आदि में ट्रैक्टर ट्राली का इस्तेमाल हो रहा है। जिसे परिवहन विभाग द्वारा अनफिट किया होता है। इसके बाद भी सरेआम ट्रैक्टर ट्राली सड़कों पर दौड़ती है।

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फिटनेस पूरी होने के बाद ही सड़कों पर वाहनों को दौड़ाने की इजाजत दी जाती है। अगर कोई ऐसे दौड़ाता है तो उस पर कार्रवाई की जाती है। अब तो कोरोना महामारी के चलते पिछले कई माह तक कार्रवाई नहीं हो पाई, लेकिन अब कार्रवाई की जा रही है। बीते दो महीनें में 8 लाख रुपये मोटर वाहन कानून की उल्लंघन करने पर जुर्माना वसूला गया।

-सुरेंद्र, इंस्पेक्टर, मोटर वाहन विभाग, लखनपुर।


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