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फायरमैन की परीक्षा टलने से भड़के विद्यार्थी

लिखित परीक्षा टलने से गुस्साए उम्मीदवारों ने गांधी नगर स्थित फायर एंड इमरजेंसी विभाग के निदेशक कार्यालय का घेराव का वहां प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। रविवार होने के चलते कार्यालय में कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था। इस कारण युवाओं को खाली हाथ लौटना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 09:05 AM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 09:05 AM (IST)
फायरमैन की परीक्षा टलने से भड़के विद्यार्थी
फायरमैन की परीक्षा टलने से भड़के विद्यार्थी

जागरण संवाददाता, जम्मू : फायर एंड इमरजेंसी सर्विस विभाग संभाग के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। यह कहना गलत नहीं होगा। विभाग में फायरमैन और फायर ड्राइवर के पद के लिए लिखित परीक्षा देने परीक्षा केंद्रों में पहुंचे युवा हैरान रह गए जब उन्होंने नोटिस बोर्ड पर पढ़ा की लिखित परीक्षा को टाल दिया गया है। हालांकि बोर्ड पर यह स्पष्ट नहीं था कि लिखित परीक्षा को किस लिए टाला गया है। लिखित परीक्षा टलने से गुस्साए उम्मीदवारों ने गांधी नगर स्थित फायर एंड इमरजेंसी विभाग के निदेशक कार्यालय का घेराव का वहां प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। रविवार होने के चलते कार्यालय में कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था। इस कारण युवाओं को खाली हाथ लौटना पड़ा।

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प्रदर्शन में शामिल चंदन सिंह, रोहित सिंह, सुनील कुमार ने बताया कि करीब छह वर्ष पूर्व विभाग ने उनसे फायरमैन और फायर ड्राइवर पद के आवेदन मांगा था। जम्मू संभाग के विभिन्न जिलों से युवाओं ने आवेदन किया था। इसके बाद वर्ष 2014 में उनकी शारीरिक मापदंड की परीक्षा हुई थी। इस परीक्षा को पास करने वाले युवाओं को लिखित परीक्षा देने के लिए बुलाया गया था। परीक्षा भी हुई लेकिन नतीजा घोषित नहीं किया गया। अब वर्ष 2018 में विभाग के पूर्व निदेशक दिलबाग सिंह ने कार्यालय संभालने के बाद एक बार फिर से इस प्रक्रिया को शुरू किया। आवेदन करने वाले युवाओं को फिर से शारीरिक मापदंड की परीक्षा देने के लिए बुलाया गया। कोई और रास्ता न देखते हुए आवेदकों ने एक बार फिर से शारीरिक मापदंड की परीक्षा दी थी। इस परीक्षा को पास करने वाले युवाओं को रविवार को लिखित परीक्षा देने के लिए बुलाया गया। परीक्षा लेने के लिए जम्मू में एमएएम कॉलेज और महिला कॉलेज गांधी नगर में केंद्र बनाए गए। जब वे परीक्षा देने पहुंचे तो उन्हें परीक्षा के रद होने की जानकारी मिली। परीक्षा देने के लिए कई युवा डोडा, रामबन, पुंछ, राजौरी जैसे दूरदराज के जिलों से आए थे। युवा पैसे खर्च कर होटलों में ठहरे, किराया खर्च किया, लेकिन अब उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।

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यह है मामला

वर्ष 2013 में गृह विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर फायरमैन की 550 और फायर ड्राइवर पद के 150 पदों के लिए युवाओं से आवेदन मांगा था। करीब तीन हजार युवाओं को राज्य स्तर की इन नौकरियों के लिए शारीरिक मापदंड की परीक्षा के लिए बुलाया गया था। वर्ष 2014 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। नतीजा घोषित होने से पूर्व ही कुछ आवेदक कोर्ट की शरण में चले गए। इसके बाद इस भर्ती प्रक्रिया को कोर्ट ने रद कर दिया था। वर्ष 2018 में एक बार फिर से इस नोटिफिकेशन के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। शारीरिक मापदंड की परीक्षा तो हुई लेकिन लिखित परीक्षा के दिन भर्ती प्रक्रिया को टाल दिया गया।

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गृह विभाग ने नियुक्ति करने वाली एजेंसी को बदलने को कहा है

फायर एंड इमरजेंसी सर्विस विभाग के प्रबंधन अधिकारी मोहम्मद याकूब डार का कहना है कि गृह विभाग ने उन्हें आदेश जारी कर भर्ती प्रक्रिया को रोकने के लिए कहा है। आदेश के तहत भर्ती प्रक्रिया को अंजाम दे रही निजी एजेंसी को बदल कर नई एजेंसी से भर्ती प्रक्रिया करवाने को कहा है। अब भर्ती प्रक्रिया को अंजाम देने वाली नई एजेंसी की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगा जाएगा।

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निजी एजेंसी से करवाई जाती है भर्ती

गृह विभाग के तहत आने वाले सभी विभागों जैसे पुलिस, जेल पुलिस, दमकल विभाग में भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से अंजाम देने के लिए निजी एजेंसी को काम सौंपा जाता है। निजी एजेंसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सीसीटीवी कैमरों की मदद से भर्ती प्रक्रिया को अंजाम देती है।


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