जम्मू के बिक्रम चौक में अज्ञात गाड़ी की टक्कर में घायल युवक की मौत, परिजनों ने शव सड़क पर रखकर किया प्रदर्शन
शहर के व्यस्त बिक्रम चाैक में अज्ञात वाहन की चपेट में अाने से घायल हुए युवक की मौत के बाद उसके परिजनों ने उसके शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया। 21 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस टक्कर मारकर फरार हुई गाड़ी का पता नहीं लगा पाई है
जम्मू, जागरण संवाददाता । शहर के व्यस्त बिक्रम चाैक में अज्ञात वाहन की चपेट में अाने से घायल हुए युवक की मौत के बाद उसके परिजनों ने उसके शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया। परिजनों का आरोप है कि 21 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस उनके बेटे को टक्कर मारकर फरार हुई गाड़ी का पता नहीं लगा पाई है जबकि पुलिस दूसरी तरफ पूरे शहर में सीसीटीवी लगे होने का दावा करती है। परिजनों ने युवक के शव को वाल्मिकी चौक गांधी नगर में रखकर करीब एक घंटे प्रदर्शन किया जबकि मौके पर एसएसपी जम्मू श्रीधर पाटिल ने पहुंच कर आश्वासन दिया कि गाड़ी को तलाश करने के लिए जांच टीम बनाई जाएगी और जल्द ही गाड़ी का पता लगा लिया जाएगा।
पांच नवंबर को यह हादसा उस समय हुआ था जब नगर निगम में बतौर डेलीवेजर काम करने वाला अरुण प्रकाश अपने मोटरसाइकिल पर सवार होकर बिक्रम चौक से जा रहा था। उसे वहां पर कोई गाड़ी टक्कर मारकर फरार हो गई जबकि अरुण को जीएमसी ले जाया गया जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए परिजन उसे बेहतर उपचार के लिए अमृतसर के किसी निजी अस्पताल ले गए। अरुण का वहां पर उपचार जारी था लेकिन बुधवार को उसने अमृतसर में दम तोड़ दिया। अरुण की मौत के बाद परिजन उसका शव लेकर जम्मू पहुंचे जहां वेयर हाउस पुलिस ने शव का जीएमसी में पोस्टमार्टम करवा उसे उसके परिजनों के हवाले कर दिया।
उधर अरुण के परिजनों का कहना है कि जब उन्होंने वेयर हाउस चौकी में पहुंचकर गाड़ी बारे पूछा तो पुलिस का कहना था कि उस दिन हमारे सीसीटीवी बंद थे जिस कारण गाड़ी का पता नहीं चल सका। परिजनों का आरोप है कि पुलिस को गाड़ी बारे जरूर जानकारी होगी और वह गाड़ी चालक को बचाने का प्रयास कर रही है। परिजन मौके पर डीसी व एसएसपी को बुलाने की मांग कर रहे थे जिसके बाद एडीसी के साथ एसएसपी जम्मू मौके पर पहुंच गए। उन्होंने आश्वासन दिया कि पुलिस गाड़ी को तलाशने का हर संभव प्रयास कर रही है। इस मामले की जांच के लिए टीम का गठन भी किया जाएगा।
दो बच्चियाें का पिता था अरुण
सड़क हादसे में मारा गया अरुण दो बच्चियों का पिता था। उसकी दोनों बच्चियों की आयु एक व दो वर्ष से भी कम है और उसकी मौत के बाद उसकी पत्नी के सामने बच्चियों के पालन पोषण को लेकर परेशानी आन पड़ी हे। अरुण की पत्नी शफा का कहना था कि उसका पति डेलीेवजर कर्मी था। वहीं परिवार का पालन पोषण करता था लेकिन अब उसे कुछ समझ नहीं आ रहा कि वह क्या करेगी। शफा ने नर्सिंग की ट्रेनिंग की है और उसके परिजनों ने प्रशासन से उसको नौकरी देने की मांग भी की। वहीं एडीसी ने आश्वासन दिया कि इस संदर्भ में प्रशासन से जो संभव होगा, वह किया जाएगा।