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Yasin Malik Case : यासीन मलिक ने कभी नहीं चाही कश्मीर की भलाई, पढ़ें मलिक के कारनामों का पूरा चिट्ठा

Yasin Malik Terror Funding Case अगस्त 1990 में यासीन मलिक हिंसा फैलाने के विभिन्न मामलों में पकड़ा गया और 1994 में वह जेल से छूूटा। जेल से छूटते ही उसने कहा कि वह अब बंदूक नहीं उठाएगा लेकिन कश्मीर की आजादी के लिए लड़ेगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 08:38 AM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 10:25 AM (IST)
यूसुफ शाह ही आज हिजबुल मुजाहिदीन का सुप्रीम कमांडर सैयद सलाहुद्दीन है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का चेयरमैन यासीन मलिक कश्मीर की भलाई कभी नहीं चाहता था। आतंकी हिंसा के साथ वह कश्मीर के युवाओं को हमेशा अलगाववाद की राह पर ले गया। वर्ष 1980 में तला पार्टी के नाम से एक अलगाववादी गुट तैयार करने वाले यासीन मलिक ने 1983 में अपने साथियों के साथ मिलकर श्रीनगर के शेरे कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में उस पिच को खोद दिया था, जहां भारत और वेस्टइंडीज के बीच मैच होने जा रहा था।

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तला पार्टी 1986 में इस्लामिक स्टूडेंट्स लीग बनी और मलिक उसका महासचिव था। 1987 में मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट के बैनर तले अलगाववादी विचाराधारा के विभिन्न संगठनों ने जमात-ए-इस्लामी का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में मलिक व उसके साथ यूसुफ शाह पोलिंग एजेंट थे। यूसुफ शाह ही आज हिजबुल मुजाहिदीन का सुप्रीम कमांडर सैयद सलाहुद्दीन है।

यासीन मलिक कश्मीर के उन चार आतंकियों में एक है, जो तथाकथित तौर पर सबसे पहले आतंकी ट्रेनिंग लेने पाकिस्तान गया था। इन चार आतंकियों को हाजी ग्रुप कहा जाता रहा है। इनमें हमीद शेख, अश्फाक मजीद वानी, यासीन मलिक और जावेद मीर शामिल थे। हमीद और अश्फाक दोनों ही मारे जा चुके हैं।

यासीन मलिक के कारनामे :

  • वर्ष 1987 के बाद यासीन मलिक व उसके साथी कश्मीर की आजादी के नारे के साथ कश्मीरी मुस्लिमों को बरगलाने लगे। उन्होंने कश्मीरी हिंदुओं को चुन-चुनकर मारा और उन्हें कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर किया।
  • यासीन मलिक ने अपने साथियों संग मिलकर आठ दिसंबर 1989 को तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की छोटी बेटी रूबिया सईद का अपहरण किया था। यह मामला भी अदालत में विचाराधीन है।
  • अगस्त 1990 में यासीन मलिक हिंसा फैलाने के विभिन्न मामलों में पकड़ा गया और 1994 में वह जेल से छूूटा। जेल से छूटते ही उसने कहा कि वह अब बंदूक नहीं उठाएगा, लेकिन कश्मीर की आजादी के लिए लड़ेगा।
  • 1994 में जेल से छूटने के बाद 1998 तक वह कई बार पकड़ा गया और कभी एक माह तो कभी तीन माह बाद जेल से छूटता रहा है।
  • अक्टूबर 1999 में यासीन मलिक को पुलिस ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में सलिंप्तता के आधार जन सुरक्षा अधिनियम के तहत बंदी बनाया था।
  • कुछ समय बाद वह जेल से छूट गया और 26 मार्च 2002 को उसे हवाला से संबंधित एक मामले में पोटा के तहत गिरफ्तार किया गया था।
  • वर्ष 2009 में उसने पाकिस्तान की रहने वाली मुशाल मलिक से शादी की। मुशाल मलिक एक चित्रकार है। दोनों की एक बेटी रजिया सुल्तान है जो वर्ष 2012 में पैदा हुई है।
  • वर्ष 2013 में उसने पाकिस्तान में लश्कर के सरगना हाफिज सईद के साथ मिलकर कश्मीर में सुरक्षाबलों पर आम कश्मीरियों के मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए धरना दिया था।  

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