Move to Jagran APP

World No Tobacco Day: सेंट्रल यूनिवर्सिटी जम्मू में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस का आयोजन, जम्मू-कश्मीर को तम्बाकू मुक्त बनाने की मांग

आज सेंट्रल यूनिवर्सिटी जम्मू के अधिष्ठाता छात्र कल्याण कार्यालय द्वारा विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के उपलक्ष्य में ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. अशोक ऐमा ने की। संयोजन प्रो. रसाल सिंह अधिष्ठाता छात्र कल्याण और सह-संयोजन डॉ. विनय कुमार सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने किया।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 08:44 PM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 08:44 PM (IST)
World No Tobacco Day: सेंट्रल यूनिवर्सिटी जम्मू में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस का आयोजन, जम्मू-कश्मीर को तम्बाकू मुक्त बनाने की मांग
शिक्षकों, कर्मचारियों, शोधार्थियों और छात्र-छात्राओं को धूम्रपान न करने की शपथ भी दिलायी गयी।

जम्मू, जागरण संवाददाता । आज सेंट्रल यूनिवर्सिटी जम्मू के अधिष्ठाता, छात्र कल्याण कार्यालय द्वारा ''विश्व तम्बाकू निषेध दिवस'' के उपलक्ष्य में ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. अशोक ऐमा ने की। कार्यक्रम का संयोजन प्रो. रसाल सिंह, अधिष्ठाता, छात्र कल्याण और सह-संयोजन डॉ. विनय कुमार, सहायक अधिष्ठाता, छात्र कल्याण ने किया। इस कार्यक्रम में शामिल हुए शिक्षकों, कर्मचारियों, शोधार्थियों और छात्र-छात्राओं को धूम्रपान न करने की शपथ भी दिलायी गयी।

loksabha election banner

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. अशोक ऐमा ने कहा कि युवा वर्ग के बीच धूम्रपान की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इससे उनका शारीरिक, मानसिक और आर्थिक नुकसान होता है। सामाजिक संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए युवा वर्ग को इस बुराई को छोड़ने के लिए आगे आना चाहिए और देश के विकास में अपना अधिकतम योगदान देना चाहिए। उन्होंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी जम्मू परिसर को स्मोकिंग फ्री जोन बनाने का संकल्प भी व्यक्त किया।

अधिष्ठाता, छात्र कल्याण प्रो. रसाल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि देश और दुनिया में लाखों लोग धूम्रपान के कारण मारे जाते हैं। कैंसर, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, तनाव, अवसाद जैसी बीमारियों का कारण भी धूम्रपान है। इससे भारत जैसे विकासशील देशों के सीमित स्वास्थ्य ढांचे पर अतिरिक्त दबाव बढ़ता है। कोरोना काल में भी हमने देखा है कि धूम्रपान करने वाले लोगों पर कोरोना संक्रमण ने ज्यादा घातक प्रभाव डाला है।

धूम्रपान का आदी होने पर व्यक्ति नशाखोरी आदि बुराइयों का भी आसानी से शिकार हो जाता है। धूम्रपान व्यक्ति के तन-मन और जीवन को धीरे-धीरे खोखला कर देती है। धूम्रपान करने वाला व्यक्ति न सिर्फ अपना नुकसान करता है बल्कि अपने संपर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों और अपने परिजनों का भी बहुत नुकसान करता है। प्रत्यक्ष धूम्रपान की तरह ही अप्रत्यक्ष धूम्रपान भी खतरनाक होता है। इसीलिए सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान का निषेध किया है और इसे एक दंडनीय अपराध बनाया है।

कुलसचिव डॉ. रवि कुमार ने बताया कि दुनिया में 80 लाख लोग धूम्रपान से मरते हैं। धूम्रपान फेंफड़ों को प्रभावित करता है। कोरोना काल में स्वस्थ फेंफड़ों का महत्व साबित हुआ है। वरिष्ठतम अधिष्ठाता प्रो. देवानंद ने धूम्रपान को अत्यंत घातक बताया और सभी भागीदारों से समाज में जागरूकता फैलाने की अपील की।सहायक अधिष्ठाता, छात्र कल्याण डॉ. विनय कुमार ने कहा कि धूम्रपान से दूर रहकर ही हम पर्यावरण का भी संरक्षण कर सकते हैं। प्रकृति और परिवार के साथ निकट संबंध बनाने के लिए तम्बाकू उत्पादों और नशीले पदार्थों से दूरी जरूरी है।

कार्यक्रम में भागीदारी करने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने उनसे तंबाकू उत्पादों से दूर रहने की अपील की। उन्होंने यह आह्वान भी किया कि हम इस संदेश को अपने संपर्क में आने वाले सभी लोगों तक पहुंचाए और जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय को धूम्रपान मुक्त क्षेत्र बनाने में सहयोग करें। उपस्थित सभी लोगों ने उप राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा को पत्र लिखकर जम्मू-कश्मीर को तम्बाकू मुक्त क्षेत्र बनाने की मांग करने पर सहमति व्यक्त की।कार्यक्रम में अधिष्ठाता, सामाजिक विज्ञान प्रो मुश्ताक अहमद, डॉ वंदना शर्मा, डॉ असित मंत्री, डॉ प्रगति कुमार, डॉ नैंसी मैंगी, डॉ श्वेता यादव, डॉ अरबिंद यादव, डॉ अंजली धर आदि ने भाग लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.