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LOC Border Jammu Kashmir: भारत-पाक सीमा पर मनियारी सेक्टर में तारबंदी के आगे झाड़ियों को साफ करने का काम शुरू

भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मनियारी सेक्टर में तारबंदी के आगे खाली पड़ी जमीन पर उगी झाड़ियों को साफ करने का काम शुरू हो गया है ताकि किसान अगली फसल लगा सके।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 09:31 AM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 09:31 AM (IST)
LOC Border Jammu Kashmir: भारत-पाक सीमा पर मनियारी सेक्टर में तारबंदी के आगे झाड़ियों को साफ करने का काम शुरू
LOC Border Jammu Kashmir: भारत-पाक सीमा पर मनियारी सेक्टर में तारबंदी के आगे झाड़ियों को साफ करने का काम शुरू

जम्मू,जागरण संवाददाता।  भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मनियारी सेक्टर में तारबंदी के आगे खाली पड़ी जमीन पर उगी झाड़ियों को साफ करने का काम शुरू हो गया है, ताकि किसान अगली फसल लगा सके। बता दें कि उपराज्यपाल के निर्देश के बाद स्थानीय प्रशासन तारबंदी के आगे खाली जमीन पर खेती करने के लिए किसानों को सौंपने की तैयारी में जुट गया है।

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मंगलवार को डीसी कठुआ ओपी भगत और बीएसएफ की 19 वीं बटालियन के कमांडेंट सतेंद्र गिरि भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहुंचे और उन्होंने तारबंदी के आगे खेतों में उगी झाड़ियों को साफ करवाया। इसके बाद बीएसएफ ने अपने बुलेट प्रूफ ट्रैक्टर से खेतों की जोताई की। कुछ दिनांे के बाद इन खेतों में गेहूं की बिजाई की जाएगी। वहीं डीसी कठुआ ओपी भगत ने कहा कि तारबंदी के आगे करीब आठ हजार कनाल भूमि खाली पड़ी हुई है। खेती न होने से किसानों को काफी नुकसान हो रहा था।

पाकिस्तान भी इसका लाभ उठा कर घुसपैठ करवाने का प्रयास करता है। वहीं बीएसएफ की 19वीं बटालियन के कमांडेंट सतेंद्र गिरि ने कहा कि तारबंदी के आगे खेती करने वाले किसानों को सुरक्षा मुहैया करवाई जाएगी, जिस तरह से पाकिस्तान जीरो लाइन तक खेती कर रहा है, वैसे ही भारतीय किसान भी कर सकते हैं। खेतों को जोतने के लिए बीएसएफ ने अपने बुलेट प्रूफ ट्रैक्टर लगा रखे हैं और उनकी सुरक्षा के लिए जवान आगे तैनात हैं।पाकिस्तान कभी भी ट्रैक्टरों पर गोली चला सकता। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान कोई हरकत करता है तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

वर्ष 2002 तक जीरो लाइन पर होती थी खेती

बार्डर वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष नानक चंद का कहना है कि वर्ष 2002 तक जीरो लाइन तक खेती होती थी, लेकिन तारबंदी के बाद सुरक्षा कारणों और जंगली जानवरों के आ जाने से बंद हो गई। खेती नहीं होने से किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा। सरकार दोबारा अपने खर्चे पर खेती शुरू करवा रही है, जो अच्छी बात है लेकिन जितने सालों से जमीन खाली पड़ी है उसका सरकार को किराया देना चाहिए। जैसे 2002 में सरकार ने किसानों को दिया था।


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