कश्मीर में DRDO के प्रस्तावित Covid Hospital का काम शुरू, जम्मू में अभी तक जमीन चिन्हित नहीं हुई
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती तादाद से निपटने और उन्हें सभी आवश्यक उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए डीआरडीओ का प्रस्तावित कोविड अस्पताल कश्मीर संभाग के रेशीपोरा बड़गाम में बनेगा। फिलहाल प्रस्तावित अस्पताल की एप्राेच सड़क का निर्माण कार्य शुरु कर दिया गया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती तादाद से निपटने और उन्हें सभी आवश्यक उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए डीआरडीओ का प्रस्तावित कोविड अस्पताल कश्मीर संभाग के रेशीपोरा बड़गाम में बनेगा। फिलहाल, प्रस्तावित अस्पताल की एप्राेच सड़क का निर्माण कार्य शुरु कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि बीते सप्ताह केंद्रीय गृह सचिव के साथ एक बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने जम्मू कश्मीर में डीआरडीओ की तरफ से 500-500 बिस्तरों की क्षमता वाले दो कोविड अस्पतालों का निर्माण कराए जाने का आग्रह किया था। केंद्रीय गृह सचिव ने तत्काल इसकी मंजूरी दे दी थी।
संबंधित सूत्रों ने बताया कि जम्मू प्रांत में स्वास्थ्य विभाग प्रस्तावित कोविड अस्पताल के लिए अभी तक जमीन भी चिन्हित नहीं कर पाया है जबकि कश्मीर में कोविड-19 अस्पताल के निर्माण की दिशा में काम में शुरु हो चुका है। उन्होंने बताया कि यह अस्पताल रेशीपोरा बड़गाम में बनाया जाना है। स्थानीय लोगों ने करीब 15 वर्ष पहले वर्ष 2006 में 200 बिस्तर वाले अस्पताल के निर्माण के लिए 78 कनाल सामुदायिक जमीन जम्मू कश्मीर सरकार को प्रदान की थी। उस समय जम्मू कश्मीर में गुलाम नबी आजाद मुख्यमंत्री थे। बीते 15 वर्षों में इस जमीन पर अस्पताल निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया था। अस्पताल के लिए एप्रोच सड़क हेतु अधिग्रहित तीन कनाल निजी जमीन का मुआवजा दिया गया है।
डीआरडीओ द्वारा 500 बिस्तरों की क्षमता वाला अस्पताल बनाया जाएगा
15 वर्ष पहले अधिग्रहित जमीन पर अब डीआरडीओ द्वारा 500 बिस्तरों की क्षमता वाला अस्पताल बनाया जाएगा और इसके लिए आज एप्रोच सड़क पर काम शुरु हो गया है। संबंधित सूत्रों ने बताया कि अस्पताल काे अगले एक दो माह में तैेयार कर लिया जाएगा। स्थानीय लोगों ने अस्पताल के निर्माण पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि इसमें जाे भी कर्मचारी, अधिकारी, स्वास्थ्यकर्मी की जरुरत है। वह अस्पताल के लिए जमीन देने वाले गांवों से ही नियुक्त किया जाए ताे बेहतर है। अगर स्थानीय लोगों में से काेई संबंधित कार्याें के लिए योग्य न हाे तो ही प्रदेश के अन्य हिस्सों के लोेगों को इसमें रोजगार का मौका दिया जाए।