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Jammu : जल्द प्रकृति की गोद में बैठकर कर सकेंगे योग व ध्यान, मानतलाई अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र का 95 फीसद काम पूरा

सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर की 97.82 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस प्रतिष्ठित परियोजना के निर्माण की जिम्मेदारी राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम (एनपीसीसी) को सौंपी गई। वर्ष 2017 में मानतलाई में अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र बनाने का काम शुरू किया गया जिसे 36 माह में पूरा किया जाना था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 12:07 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 12:07 PM (IST)
Jammu : जल्द प्रकृति की गोद में बैठकर कर सकेंगे योग व ध्यान, मानतलाई अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र का 95 फीसद काम पूरा
पहला एक्सटेंशन वर्ष 2021 तक दिया गया था, जबकि दूसरा वर्ष 2022 तक दिया गया।

ऊधमपुर, अमित माही : जिले की चनैनी तहसील में प्रकृति की गोद में बसे मानतलाई क्षेत्र में सौंदर्य से परिपूर्ण शांत वातारण में देश और दुनियाभर से आने वाले लोग योग, ध्यान व साधना कर सकेंगे। मानतलाई में 97.82 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र का 95 फीसद काम हो चुका है। इसे संचालित करने के लिए आउटसोर्स करने के लिए नीति आयोग द्वारा नियुक्त कंसल्टेंट तौर तरीकों का निर्धारण करने में लगे हैं। यह काम पूरा होते ही योग केंद्र को शुरू करने के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि इस जून में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर इसका लोकार्पण किया जा सकता है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

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प्रदेश में सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर की 97.82 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस प्रतिष्ठित परियोजना के निर्माण की जिम्मेदारी राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम (एनपीसीसी) को सौंपी गई। वर्ष 2017 में मानतलाई में अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र बनाने का काम शुरू किया गया, जिसे 36 माह में पूरा किया जाना था। मगर इससे पहले ही कोरोना महामारी के कारण लाकडाउन की वजह से काम प्रभावित हुआ। इस काम को अब तक दो बार एक्सटेंशन दिया जा चुका है। पहला एक्सटेंशन वर्ष 2021 तक दिया गया था, जबकि दूसरा वर्ष 2022 तक दिया गया।

अब मानतलाई में योग केंद्र बन कर लगभग तैयार हो चुका है। इसे संचालित करने के लिए आउटसोर्स करना पड़ेगा। क्योंकि यह प्रदेश का सबसे बड़ा् योग केंद्र है और इतने बड़े सेटअप का संचालन करने के लिए न तो पत्नीटाप विकास प्राधिकरण (पीडीए) और न ही अन्य किसी विभाग के पास विशेषज्ञता है। इसलिए इसे आउटसोर्स करने के लिए तौर तरीके व नियम निर्धारित करने के लिए नीति आयोग की ओर से कंसल्टेंट नियुक्त किया गया है, जो आउटसोर्स करने के लिए जरूरी तौर-तरीकों पर काम कर रहा है।

वहीं, अभी तक व्यासा, श्रीश्री और पतंजलि योग समिति योग केंद्र व अन्य ऐसी कई संस्थाओं के प्रतिनिधि यहां का दौरा कर चुके हैं। आउटसोर्सिंग के लिए आवश्यक नियमों का निर्धारण होने के बाद अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र को आउटसोर्स करने के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, जिसके पूरी होते ही इसे शुरू कर दिया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र में होंगी यह सुविधाएं : अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र में योग केंद्र की इमारत बड़े पिरामिड के आकार में बनाई गई है। यहां आने वाले सैलानियों के लिए पर्यटक सुविधा केंद्र, डाइनिंग सेंटर व कैफेटेरिया के अलावा एकीकृत सोलारियमयुक्त इको लाग हट, सेब के बागीचे में मेडिटेशन एन्कलेव भी होगा। यहां हेलीपैड, हेलीकाप्टर के लिए हैंगर, एंबुलेंस शेड, फायर टेंडर व फायर फाइटिंग सिस्टम, विंग वेन, ग्रीन रूम, ओपन एयर एम्फीथिएटर, महिला व पुरुषों के लिए अलग शौचालय, पार्किंग क्षेत्र, सुरक्षा जांच पोस्ट, गार्ड रूम, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा। इसमें बैटरी से चलने वाली कारें होंगी, वाकिंग व जागिंग ट्रैक, सीसीटीवी कैमरे, सोलर पावर प्लांट सहित अन्य कई सुविधाएं भी होंगी।

सात सितारा होटल बना रहे थे धीरेंद्र ब्रह्मचारी : पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योग गुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी के कारण मानतलाई बेहद प्रसिद्ध रहा है। उस समय सात सितारा होटल बनाने की योजना पर उन्होंने काम शुरू कर दिया। अपर्णा आश्रम के नाम से यह इमारत आज भी वहां खड़ी इस बात की गवाह है। उस समय में मानतलाई में हवाई पट्टी भी होती थी। कई वाहन भी हुआ करते थे। इसके अलावा स्वीमिंग पूल, देवदार पेड़ के तने से सटी बार, चिडिय़ाघर, सेबों का बाग आज भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। ब्रह्मचारी का हेलीकाप्टर मानतलाई के पास ही दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। उसके अवशेष अब भी वहां मौजूद हैं। धीरेंद्र ब्रह्मचारी के निधन के बाद आश्रम का निर्माण अधर में रुक गया और ब्रह्मचारी के आश्रम की सारी संपत्ति को जम्मू कश्मीर सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया था।

शांत व रमणीय होने के साथ मानतलाई का धार्मिक महत्व भी : ऊधमपुर से मानतलाई की दूरी करीब 43 किलोमीटर है। वाहनों की आपाधापी और शोर-शराबे से दूर स्थित इस इलाके में पहुंच कर हर कोई खुद को प्रकृति के बेहद करीब महसूस करने के साथ आनंद की अनुभूति प्राप्त करता है। इलाका खूबसूरत तो है ही, यहां का वातावरण भी शुद्ध है। इतना ही नहीं धार्मिक दृष्टिकोण से भी यह क्षेत्र बेहद महत्वपूर्ण है, जिससे यह लोगों की आस्था का केंद्र है। शास्त्रों के मुताबिक मानतलाई में ही भगवान शिव और माता गौरी का विवाह हुआ। जिस हवन कुंड के फेरे भगवान शिव और मां पार्वती ने लिए थे, वहां आज एक पवित्र जल कुंड है। इसके नाम से ही इस क्षेत्र को मानतलाई के नाम से जाना जाता है। यहां पर भगवान शिव का पौराणिक मंदिर भी है।

कभी भी शुरू किया जा सकता है अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र : शेर सिंह

अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र में योग केंद्र की पिरामिड आकार की इमारत बन चुकी है। बिजली की फिटिंग हो चुकी है, फर्निङ्क्षशग का काम जारी है। डाइनिग सेंटर व कैफेटेरिया तैयार है। एकीकृत सोलारियमयुक्त इको लाग हट, मेडिटेशन एन्कलेव, हेलीपैड, हेलीकाप्टर हैंगर, एंबुलेंस शेड, विंड वेन, ग्रीन रूम, शौचालय, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, बैटरी कार, जाङ्क्षगग व पार्किंग पाथ सहित अन्य सभी चीजें तैयार हैं। ओपन एयर एम्फीथिएटर की छत का गुंबद का काम होना है। इसका पांच प्रतिशत निर्माण और फर्निशिंग का काम शेष है। फर्नीचर के आर्डर दे दिए हैं, साइन बोर्ड तैयार हो रहे हैं। शुरू करने का दिन तो तय नहीं है, मगर इसे कभी भी शुरू किया जा सकता है। क्योंकि जितना काम शेष बचा है, उससे योग केंद्र को आउटसोर्स कर शुरू करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। शेष काम आउटसोर्स के लिए टेंडरिंग की प्रक्रिया पूरी होने तक पूरे कर लिए जाएंगे। नीति आयोग की ओर से भेजे गए कंसल्टेंट आउटसोर्स करने के लिए काम कर रहे हैं। यह पूरा होते ही इसे कभी भी आउटसोर्स किया जा सकता है। कब शुरू होगा, इसके बारे में तो वह नहीं बता सकते, मगर इतना है इसे कभी भी शुरू किया जा सकता है। 


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