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Srinagar: नागरिक सचिवालय में कामकाज शुरू, उपराज्यपाल ने प्रशासनिक मुद्​दों पर चर्चा की

प्रशासनिक मुद्दों के अलावा काेविड-19 से पैदा हालात और श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा-2020 से जुड़े मुद्दों पर विशेष तौर पर विचार विमर्श हुआ है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 03:19 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 03:24 PM (IST)
Srinagar: नागरिक सचिवालय में कामकाज शुरू, उपराज्यपाल ने प्रशासनिक मुद्​दों पर चर्चा की
Srinagar: नागरिक सचिवालय में कामकाज शुरू, उपराज्यपाल ने प्रशासनिक मुद्​दों पर चर्चा की

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में दरबार मूव के तहत सभी प्रमुख प्रशासनिक कार्यालयों के स्थानांतरित होने के साथ ही नागरिक सचिवालय पूरी तरह बहाल हो गया। अलबत्ता, बीते 150 साल से जारी दरबार मूव परंपरा के तहत यह पहला माैका है, जब 39 प्रशासनिक विभागाें से सिर्फ 20 के मुख्यालय और सभी वरिष्ठ प्रशासनिक कार्यालय ही इस बार शरदकालीन राजधानी जम्मू से ग्रीष्मकालीन राजधानी आए हैं। उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने नागरिक सचिवालय के पूरी तरह बहाल होने के बाद मुख्यसचिव बीवीआर सुब्रमण्यम समेत सभी वरिष्ठ प्रशासनिक सचिवों के साथ एक बैठक भी की। इसमें विभिन्न प्रशासनिक मुद्दों के अलावा काेविड-19 से पैदा हालात और श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा-2020 से जुड़े मुद्दों पर विशेष तौर पर विचार विमर्श हुआ है।

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आपको जानकारी हो कि केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश के दो राजधानी शहर जम्मू व श्रीनगर हैं। श्रीनगर में राजधानी गर्मियों के छह माह मई से अक्तूबर के अंत तक रहती है जबकि शरदकालीन राजधानी जम्मू में पूरा प्रशासनिक अमला नवंबर से अप्रैल के अंत तक रहता है। राजधानी के श्रीनगर से जम्मू और जम्मू से श्रीनगर जाने की प्रक्रिया को दरबार मूव कहा जाता है। यह परंपरा 1872 के दौरान तत्कालीन डोगरा शासकाें ने मौसम के मद्देनजर शुरू किया था जाे बाद में एक राजनीतिक मजबूरी भी बन गई थी। सरकारी खजाने पर दरबार मूव परंपरा के कारण पड़े रहे अनावश्यक आर्थिक बोझ के कारण इसे बंद करने की बात भी उठने लगी है।

दरबार मूव की परंपरा के तहत ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में नागरिक सचिवालय चार को ही खुल गया था, लेकिन आंशिक तौर पर। कोविड-19 से पैदा हालात के चलते शरदकालीन राजधानी से ग्रीष्मकालीन राजधानी को पूरी तरह स्थानांतरित नहीं किया गया था। उपराज्यपाल समेत सभी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शरदकालीन राजधानी में ही अपने कार्यालय के साथ टिके रहे। श्रीनगर में सचिवालय से जुड़ी गतिविधियों को कश्मीर के कर्मचारियों ने और जम्मू में जम्मू प्रांत के कर्मचारियों न इस दौरान संभाले रखा। कश्मीर संभाग से संबधित सचिवालय में कार्यरत कर्मियों के सहारे ही श्रीनगर में सचिवाल का प्रशासनिक कामकाज चलाया गया जबकि जम्मू संभाग के कर्मियों को जम्मू में ही रखा गया। लाकडाउन में राहत के बाद प्रशासन ने बीते सप्ताह शरदकालीन राजधानी से ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर मं दरबार मूव से संबधित कार्यालयों के प्रमुख विभागों का रिकार्ड व अधिकारी स्थानांतरित किए हैं।

इस बार प्रशासन ने ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर सचिवालय में नागरिक उड्डयन, संस्कृति, वित्त, फ्लोरीकल्चर, महाप्रशासनिक ,बागवानी, उच्च शिक्षा, हास्पिटैलिटी एंड प्रोटोकाल, उद्योग एवं वाणिजय, सूचना प्रौद्योगिकी, कानून-न्याय एवं संसदीय मामले, श्रम व रोजगार, लोक कार्य, समाज कल्याण, स्कूल शिक्षा, कौशल विकास, पर्यटन, युवा सेवा एवं खेल विभाग के मुख्यालयों काे ही स्थानांतरित किया है। शरदकालीन राजधानी जम्मू सचिवालय में भेड़ एवं पशुपालन, एआरई एंड ट्रेनिंग, सहकारिता, आपदा प्रबंधन राहत, पुनर्वास एवं पुननिर्माण, चुनाव, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, वन एवं पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, गृह, आवास एवं शहरी विकास, सूचना, जलशक्ति, योजना विकास एवं निगरानी, ऊर्जा विकास, राजस्व, ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मामले, परिवहन एवं जनजातिय मामले विभाग को बहाल रखा गया है। अलबत्ता, कषि उत्पादन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग जम्मू और श्रीनगर स्थित सचिवालय दोनों ही जगह क्रियाशील रहेगा।

हालांकि अधिकारिक तौर पर प्रशासन ने पुष्टि नहीं की है, लेकिन संबधित सूत्रों ने बताया कि दरबार मूव की पंरपरा अागे भी बहाल रहेगी। हालांकि जम्मू और श्रीनगर सचिवालय में कुछ विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। संबधित प्रशासनिक सचिव व संबधित विभागीय मुख्यालय से जुड़े अधिकारी ही दरबार मूव की प्रक्रिया में शामिल रहेंगे।


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