Move to Jagran APP

Jammu : अंत्येष्टि को नहीं मिल रही सब्सिडी की लकड़ी, लोगों को दरबदर होना पड़ रहा

Cremation Grounds In Jammuझोपड़पट्टी में रहने वाली इस महिला के स्वजन जब छन्नी हिम्मत अंतिम संस्कार करने पहुंचे तो उन्हें मना कर दिया गया कि श्मशान घाट में लकड़ी नहीं है। एक ही हालत में अंतिम संस्कार संभव हो सकता है कि वे बाहर से लकड़ी लेकर आएं।

By Edited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 07:09 AM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 07:23 AM (IST)
Jammu : अंत्येष्टि को नहीं मिल रही सब्सिडी की लकड़ी, लोगों को दरबदर होना पड़ रहा
तवी नदी पर बना विद्युत शवदाह बीते 3 दशक से बेकार पड़ पड़ा है।

जागरण संवाददाता, जम्मू : शहर के छन्नी हिम्मत इलाके में स्थित श्मशान घाट में लकड़ी की कमी के कारण अपने करीबियों के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को दरबदर होना पड़ रहा है। लोग बाहर से लकड़ी मंगवाकर अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं। यहां बता दें कि वन विभाग श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार के लिए सब्सिडी पर लकड़ी देता है।

loksabha election banner

श्मशान घाट में एक चिता को जलाने के लिए 3 क्विंटल लकड़ी लगती है, जो सब्सिडी पर 2800 रुपये में अंत्येष्टि के लिए मिलती है। टाल से लकड़ी श्मशान घाट लाने में 6 हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। गरीब आदमी महंगे दामों पर लकड़ी खरीदने में समर्थ नहीं हैं। झोपड़ पट्टी में रहने वाले निर्धन परिवार पर आई मुसीबत इस घटना की पुष्टि तब हुई जब ग्रेटर कैलाश में वीरवार को एक निर्धन वृद्ध महिला का निधन हो गया।

झोपड़पट्टी में रहने वाली इस महिला के स्वजन जब छन्नी हिम्मत अंतिम संस्कार करने पहुंचे तो उन्हें मना कर दिया गया कि श्मशान घाट में लकड़ी नहीं है। एक ही हालत में अंतिम संस्कार संभव हो सकता है कि वे बाहर से लकड़ी लेकर आएं। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री रमन भल्ला को पता चला तो उन्होंने शव को अपनी दान की गई शव ढोने वाली एंबुलेंस को भेज कर शव का अंतिम संस्कार शास्त्रीनगर श्मशान घाट में निशुल्क करवाया। तीन दशक से बेकार पड़ा है तवी नदी पर बना विद्युत शवदाह बीते 3 दशक से बेकार पड़ पड़ा है।

इस शवदाह गृह को शुरू करने का मकसद वनों का संरक्षण करना भी था। कोरोना काल में विद्युत शवदाह की शिद्दत से जरूरत महसूस की गई थी। जब जम्मू के अधिकतर श्मशानघाटों में अपने करीबियों की अंत्येष्टि के लिए लोगों को दरबदर होना पड़ा था। मेयर चंद्रमोहन गुप्ता का कहना है कि विद्युत शवदाह गृह फंड की कमी के कारण कई साल से बंद पड़ा हुआ है। इसको शुरू करने के लिए फिलहाल सरकार के पास कोई योजना नहीं है।

उधर, जम्मू के डीएफओ अनूप सोनी ने कहा कि छन्नी हिम्मत श्मशान घाट में लकड़ी न होने की उन्होंने जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में किसी ने कोई शिकायत नहीं की है। बहरहाल, वह लड़की की कमी की जांच करवा लेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.