महिला सशक्तिकरण : मशरूम की खेती ने जिला ऊधमपुर की विमला को बनाया लखपति किसान
ऊधमपुर के दंडेयाल गांव की रहने वाली विमला देवी ने 2007 में कच्चे शेड में 50 लिफाफों में मशरूम की खेती शुरू की थी। उसके बाद वह पीछे नहीं हटी। मेहनत से अपनी खेती का दायरा बढ़ाती गई। 2018-19 में उनकी मशरूम की खेती 1800 लिफाफों तक पहुंच आई।
जम्मू, जागरण संवाददाता : 57 साल की विमला देवी आज खुश हैं कि वर्षों पहले जो उन्होंने जो मेहनत की उसका फल अब उनको मिल रहा है। वे अपनी कमाई से परिवार चलाने के साथ ही दूसरी कई महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं। उनकी ङ्क्षजदगी में यह बदलाव मशरूम की खेती से आया। पिछले सीजन में विमला देवी ने करीब छह लाख रुपये की कमाई की। इस बार वे इससे भी ज्यादा कमाई की उम्मीद कर रही हैं।
ऊधमपुर के दंडेयाल गांव की रहने वाली विमला देवी ने 2007 में कच्चे शेड में 50 लिफाफों में मशरूम की खेती शुरू की थी। उसके बाद वह पीछे नहीं हटी। मेहनत से अपनी खेती का दायरा बढ़ाती गई। 2018-19 में उनकी मशरूम की खेती 1800 लिफाफों तक पहुंच आई। इस दौरान उन्होंने ज्यादातर ढींगरी मशरूम लगाई और कुछ लिफाफों में बटन मशरूम भी उगाया। इस सीजन के पहले चरण में उन्होंने लिफाफों के आकार में बदलाव किया। उन्होंने 1200 सिलेंडर नुमा लिफाफे का इस्तेमाल कर ढींगरी मशरूम, जबकि 500 सामान्य लिफाफों में बटन मशरूम की खेती शुरू की। दूसरे चरण में उन्होंने ढींगरी मशरूम के लिए 1000 सिलेंडर नुमा लिफाफे और लगाने जा रही हैं। इससे उसको अच्छी कमाई की उम्मीद है।
लोग खूब पसंद कर रहे मशरूम का अचार : विमला देवी ने मशरूम का अचार बनाना भी शुरू किया है। जो मशरूम नहीं बिकती है, उसका वे अचार बना लेती हैं। मशरूम के अचार को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। मशरूम का अचार बनाने के लिए वे महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिला रही हैं साथ ही उनको मशरूम उगाने के लिए भी प्रेरित कर रही हैं। विमला ने महिला किसानों से कहा है कि यदि उनका मशरूम नहीं बिका तो वे खुद उसे अचार बनाने के लिए खरीद लेंगी। उनके प्रयास से क्षेत्र के 12 महिला-पुरुष किसान मशरूम की खेती करने लगे हैं। कृषि विभाग अब विमला के मशरूम के आचार को ब्रांड दिलाने की दिशा में काम कर रहा है।
पूरा परिवार कर रहा सहयोग : मशरूम की खेती में नाम कमाने वाली विमला अपनी सफलता श्रेय अपने परिवार को देती हैं। उनका कहना है कि शुरू में उन्होंने अकेले ही काम शुरू किया, लेकिन जल्द पूरा परिवार साथ देने लगा। उनके पति गोपाल कृष्ण भी इसमें उनका पूरा साथ दे रहे हैं। विमला का बेटा पोस्ट ग्रेजुएट है। वह भी मशरूम की खेती में दिलचस्पी लेने लगा है।
- विमला देवी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। इन्होंने मेहनत से कभी जी नहीं चुराया। यही वजह है कि आज वे अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई हैं और अच्छा पैसा भी कमा रही हैं। अन्य महिलाओं को भी विमला से सीखकर अपने जीवन में खुशियां लाने के लिए प्रयास करना चाहिए। कृषि विभाग हर संभव तकनीकी सहायता देने के लिए तैयार है। -सुनील गुप्ता, मशरूम डेवलपमेंट असिस्टेंट, कृषि विभाग