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नए कश्मीर के उदय की पहचान बन रहा गुलमर्ग, यहां पहली बार 1998 में हुए थे विंटर गेम

कश्मीर की अर्थव्यवस्था के जानकार आसिफ कुरैशी ने कहा कि शीतकालीन खेलों के जरिए केंद्र सरकार देश-दुनिया में कश्मीर में सब कुछ ठीक होने का संदेश देने में सफल रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 09 Mar 2020 11:30 AM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2020 11:30 AM (IST)
नए कश्मीर के उदय की पहचान बन रहा गुलमर्ग, यहां पहली बार 1998 में हुए थे विंटर गेम
नए कश्मीर के उदय की पहचान बन रहा गुलमर्ग, यहां पहली बार 1998 में हुए थे विंटर गेम

श्रीनगर, नवीन नवाज। समुद्रतल से करीब 2650 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुलमर्ग की वादियां। दूर तक फैली बर्फ की सफेद चादर और कदम-कदम पर बिखरी खूबसूरती। पर्यटकों के लिए यह स्वर्ग अब नए कश्मीर के उदय की पहचान बन रहा है। शीतकालीन खेलों के बहाने देशभर से जुटे करीब 900 खिलाड़ी मिनी इंडिया की सुनहरी तस्वीर पेश कर रहे हैं। साथ ही कश्मीर की संस्कृति और मेहमाननवाजी के कायल भी हो रहे हैं। इन खेलों के आयोजन से दुनिया में कश्मीर की असली तस्वीर सामने आई है। पर्यटन, खेल और रोजगार की संभावनाओं का नया अध्याय भी खुल गया है। पदकों की दौड़ से अधिक यहां अमन की नई गाथा गढ़ी जा रही है। 100 साल से ज्यादा पुराने गोल्फ और स्कीइंग के इतिहास को समेटे गुलमर्ग की वादियां आज तक अंतरराष्ट्रीय स्तर के किसी बड़े खेल महोत्सव का गवाह नहीं बन सकीं। आतंक के पैरोकार और उनके पाकिस्तानी आका अपने स्वार्थ के लिए कश्मीर की उजली तस्वीर को छिपाते रहे।

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कश्मीर चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के चेयरमैन शेख आशिक ने कहा कि गुलमर्ग में अगर सभी आवश्यक सुविधाएं जुटाई जाएं तो कश्मीर विंटर टूरिज्म में एशिया का सबसे बड़ा हब बन सकता है। इसका फायदा पूरे देश को होगा। आवश्यक है कि शीतकालीन खेलों के आयोजन से सियासत को दूर रखा जाए। यह कश्मीर के लिए बेहतर है। आस्ट्रेलियाई पर्यटक रॉब ने कहा कि मैं कश्मीर के बारे में जानता था, लेकिन गुलमर्ग को नहीं। मुङो इंटरनेट के जरिए यहां का पता चला। यहां आने के बाद मैं तो दंग हूं। यह मेरी कल्पना से कहीं ज्यादा खूबसूरत है।

सबसे ऊंची केबल कारः गुलमर्ग में ही एशिया की सबसे ऊंची केबल कार है। इसे स्थानीय भाषा में गंडोला कहा जाता है। यह 1998 से क्रियाशील है। सर्दियों में यह स्कीइंग के शौकीनों को समुद्रतल से करीब चार हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित अफरवट पर्वत तक ले जाती है। देश-विदेश से आने वाले सैलानियों में यह केबल कार बहुत लोकप्रिय है।

50 हजार लोगों को सीधा फायदा: कश्मीर की अर्थव्यवस्था के जानकार आसिफ कुरैशी ने कहा कि शीतकालीन खेलों के जरिए केंद्र सरकार देश-दुनिया में कश्मीर में सब कुछ ठीक होने का संदेश देने में सफल रही है। कुछ लोग सियासत भले ही करें, लेकिन यह सत्य है कि कश्मीर में ऐसी गतिविधियों की आवश्यकता है। शीतकालीन खेलों से गुलमर्ग और श्रीनगर में पर्यटन उद्योग से जुड़े 50 हजार से अधिक लोगों को लाभ हुआ है।

विश्व स्तरीय खेलों की संभावनाएंः पर्यटन निदेशक निसार अहमद वानी के अुनसार, गुलमर्ग में विश्व स्तरीय खेलों की अपार संभावनाएं हैं। यह एयरपोर्ट से ज्यादा दूर नहीं है। गुलमर्ग के लिए सड़क भी सदाबहार ही है। यहां ठहरने के लिए हर प्रकार की सुविधाएं हैं।

मैरिज डेस्टिनेशन भीः विदेशियों के लिए भारत में गुलमर्ग मैरिज डेस्टिनेशन बन रहा है। एक होटल के प्रबंधक शमसुदीन राथर ने कहा कि दो साल पहले 31 जनवरी को यहां एक आस्टेलियाई जोड़े टिम राबर्टसन और कैटी हेमिल्टन ने सेंट मैरी चर्च में शादी की थी। यहां कई विदेशी शादी करने आ रहे हैं।

असल कश्मीर दिखाने की कोशिशः सामाजिक कार्यकर्ता सलीम रेशी के मुताबिक, विंटर गेम्स से केंद्र व जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नकारात्मक छवि से अलग असली कश्मीर दिखाने का प्रयास किया है। मैंने खुद गुलमर्ग में तीन से चार खिलाड़ियों से बातचीत की है। वे इस सच्चाई को देख गदगद हैं। रेशी ने कहा कि मुङो समझ में नहीं आया कि गुलमर्ग में स्कीइंग और गोल्फ के 100 साल पुराने इतिहास और तमाम संभावनाओं के बावजूद यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शीतकालीन खेलों के नक्शे पर जगह नहीं बना पाया।

गुलमर्ग में पहली बार 1998 में हुए थे विंटर गेम

गुलमर्ग में स्कीइंग 1900 में होने लगी थी, लेकिन यहां स्की क्लब ऑफ इंडिया की स्थापना अंग्रेजों ने 1927 में की। स्वतंत्रता पूर्व यहां साल में दो बार स्कीइंग प्रतियोगिता क्रिसमस और इस्टर पर होती थी। 1938-39 के दौरान पहली बार 500 से ज्यादा स्कीइरों ने हिस्सा लिया था। गुलमर्ग को एल्पस ऑफ गुड ओल्ड डेज भी कहा जाता है। गुलमर्ग में कर्नल नेविली ने 1890 में 6-होल गोल्फ कोर्स बनवाया था। गुलमर्ग गोल्फ क्लब की स्थापना 1911 में अंग्रेजों ने की। यहां पहला बड़ा गोल्फ मुकाबला 1922 में हुआ जबकि नीडो गोल्फ कप प्रतियोगिता 1929 में हुई थी। गुलमर्ग में पहली बार राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों का आयोजन 1998 में हुआ था। 2003-2004 के दौरान दूसरी बार यहां राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों का आयोजन किया गया था।


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