जम्मू कश्मीर में आजादी के जश्न की तरह मनाया विलय दिवस
जम्मू में प्रमुख चौराहों पर दीपमालाएं लगाकर पटाखे भी फोड़े गए। जम्मू संभाग के हर जिले में विलय दिवस की धूम रही।
राज्य ब्यूरो, जम्मू: जम्मू कश्मीर के विलय के 73 वर्ष पूरे होने पर सोमवार को पूरे प्रदेश में जश्न-ए-आजादी की तरह माहौल रहा। दशकों बाद पहली बार विलय दिवस पर सरकारी छुट्टी ने उत्साह को दोगुना कर दिया। जम्मू से लेकर कश्मीर तक लोगों ने तिरंगा फहराकर संदेश दिया कि देश के दुश्मनों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे। लोगों ने घरों में भी तिरंगे फहराए। जम्मू में प्रमुख चौराहों पर दीपमालाएं लगाकर पटाखे भी फोड़े गए। जम्मू संभाग के हर जिले में विलय दिवस की धूम रही।
भाजपा ने जम्मू में विलय दिवस पर कार्यक्रमों की शुरुआत गांधीनगर से तिरंगा रैली निकाल कर की। इसकी अगुवाई प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना व सांसद जुगल किशोर ने की। आयोजन युवा मोर्चा प्रधान अरुणदेव सिंह के नेतृत्व में हुआ। रैली के दौरान भाजपा नेताओं ने महाराजा हरि सिंह व पंडित प्रेमनाथ डोगरा की प्रतिमाओं पर फूलमालाएं अर्पित की। इसके बाद महाराजा हरि सिंह पार्क में कार्यक्रम हुआ। इसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह, कविंद्र गुप्ता, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक खजूरिया, सत शर्मा, सांसद शमशेर सिंह मन्हास समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता भी मौजूद थे। शाम को महिला मोर्चा प्रधान संचिता डोगरा के नेतृत्व में महाराजा हरि सिंह प्रतिमा के निकट दीपमालाएं लगाई गई।
महाराजा हरि सिंह पार्क में रैना ने चीन व पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके कब्जे वाले भारतीय इलाके जल्द वापस लिए जाएंगे। गुपकार गैंग कितनी भी साजिशों कर ले, अब तिरंगे को छोड़कर और कोई ध्वज लहराने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम प्रण लेते हैं कि जब तक चीन व पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके वापस नहीं मिलते, हमारी मुहिम जारी रहेगी। गिलगित, बाल्टिस्तान जल्द वापस लाए जाएंगे। निर्मल, जुगल किशोर समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि महाराजा हरि सिंह जल्द भारत का हिस्सा बनना चाहते थे, लेकिन जवाहर लाल नेहरू व शेख मोहम्मद अब्द़ुल्ला ने बाधाएं डालीं। देरी के चलते पाकिस्तान ने हमारे हिस्से पर कब्जा कर लिया। महाराजा ने जम्मू कश्मीर में देश के हितों का संरक्षण किया था। शेख अब्दुल्ला के कारण अनुच्छेद 370 व 35 ए आए।