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Positive India : लॉकडाउन में अपना काम बंद हुआ तो बेचने लगे सब्जी

लॉकडाउन के पहले राजा रेहड़ी लगाकर कुलचा बेचता था लेकिन इन दिनों वह सब्जी व फल की रेहड़ी लगाकर गुजार कर रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 02:37 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 02:37 PM (IST)
Positive India : लॉकडाउन में अपना काम बंद हुआ तो बेचने लगे सब्जी
Positive India : लॉकडाउन में अपना काम बंद हुआ तो बेचने लगे सब्जी

जम्मू, गुलदेव राज । लॉकडाउन के पहले राजा रेहड़ी लगाकर कुलचा बेचता था, लेकिन इन दिनों वह सब्जी व फल की रेहड़ी लगाकर गुजार कर रहा है। पिछले दो माह से कुलचा लगाने का काम बंद हो गया है। लॉकडाउन के कारण वह उत्तर प्रदेश में अपने गांव नहीं जा सका। ऐसे में जम्मू में रहकर रोजी-रोटी भी तो चलानी थी। बिना काम किए घर का चूल्हा कैसे जलता। एेसे में राजा ने हिम्मत नहीं हारी आैर फिर सब्जी बेचने का काम शुरू कर दिया। अब वह खुश है कि लाॅकडाउन के कारण उसकी आजीविका से आराम से गुजर बसर हो रही है। 

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हालांकि अभी वह इस धंधे में नया है आैर इससे अच्छी खासी कमाई तो नहीं हो रही लेकिन उसे संतोष है कि  कम से कम अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा है। यह सिर्फ राजा की कहानी नहीं है। ऐसे सैकड़ों लोग जम्मू में हैं, जो पहले कुछ और काम करते थे, लेकिन इन दिनों सब्जी व फल बेचने का ही काम कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौर में सब्जी फल बेचने पर मनाही नहीं। इसीलिए सबका ध्यान इसी ओर है। रोजी-रोटी के लिए लोगों को सब्जी व फल बेचने के काम पर उतरना पड़ रहा है। मेहनतकश लोगों के लिए यह सब्जी इन दिनों आजीविका बनी हुई है।

कुंदन लाल, उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के रहने वाले हैं। वे इन दिनों संजय नगर में रह रहे हैं। वे पहले रिक्शा चलाते थे, लेकिन अब बीबी बच्चों को पालने के लिए सब्जी बेच रहे हैं। पिछले एक माह से अपने रिक्शे पर वह सब्जी ले जाकर विभिन्न क्षेत्रों में बेचकर अपना गुजारा कर रहे हैं। वह कहते हैं कि अगर सब्जी की रेहड़ी वह नहीं लगाते तो घर का गुजारा नहीं हो पाता। जानीपुर के मदनलाल, जो पहले एमआर के पद तैनात थे और दवाइयों के लिए आर्डर बुक किया करते थे, वे भी इन दिनों सब्जी बेचने का काम कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के चंदौसी और बदायूं के रहने वाले जम्मू में वर्षो से सब्जी बेचने का ही काम करते रहे हैं। वे इस समय बहुत हैरान हैं। उनका कहना है कि शहर में सब्जियों की इतनी रेहड़ियां हो गई हैं कि सब्जी के काम में भी अब बहुत ज्यादा मुनाफा नहीं रहा। अगर बिक्रम चौक से सतवारी तक मुख्य सड़क क्षेत्र की ही बात की जाए तो सब्जी व फल की करीब दो सौ रेहड़ियां लगी हुई हैं, जोकि लॉकडाउन से पहले नहीं थी।

सब्जी और फल का धंधा आजकल चल रहा मंदा

नरवाल मंडी के थोक व्यापारी नीतिन जैन का कहना है कि लॉकडाउन के इस समय फल व सब्जी का धंधा मंडी में भी मंदा है, क्योंकि लोग अपने घरों से कम बाहर निकलते हैं। ऐसे में सब्जियों की पूरी तरह से बिकवाली नहीं हो पाती। सब्जी और फलों के आवागमन पर सरकार ने छूट दी है। यही कारण है कि शहर में रेहड़ी फड़ी लगाकर लोग अपनी आजीविका बना रहे हैं।


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