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Weekend Lockdown: व्यापारियों को रास नहीं आ रही 50 फीसद दुकानों की रोटेशन

व्यापारी सरकार के इस फैसले के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं और उनका दबाव है कि सरकार अपना फैसला वापस ले। जहां तक कोविड-19 की चेन तोड़ने की बात है तो व्यापारिक संगठनों ने वीकेंड लॉकडाउन की मांग सरकार के सामने रखी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 25 Apr 2021 11:33 AM (IST)Updated: Sun, 25 Apr 2021 11:33 AM (IST)
Weekend Lockdown: व्यापारियों को रास नहीं आ रही 50 फीसद दुकानों की रोटेशन
कोविड-19 चेन तोड़ने में मदद मिलने की बजाय मुश्किलें बढ़ रही है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए सरकार ने बाजारों में भीड़ कम करने का फैसला किया। इसके तहत सभी बाजारों में रोटेशन के आधार पर सिर्फ 50 फीसद दुकानें ही खोलने की अनुमति दी गई है। इसके चलते पिछले चार दिनों से जम्मू में भी हर दिन आधी दुकानें खुल रही है और आधी बंद रखी जा रही है लेकिन सरकार का यह फैसला व्यापारियों को रास नहीं आ रहा है।

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व्यापारी सरकार के इस फैसले के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं और उनका दबाव है कि सरकार अपना फैसला वापस ले। जहां तक कोविड-19 की चेन तोड़ने की बात है तो व्यापारिक संगठनों ने वीकेंड लॉकडाउन की मांग सरकार के सामने रखी है। जम्मू के प्रमुख व्यापारिक संगगठनों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से जहां व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है, वहीं आम लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इससे बेहतर होगा कि सरकार दुकानों का समय सुबह दस बजे से शाम छह बजे तक कर दे और हर शुक्रवार से सोमवार सुबह तक पूरी तरह से लॉकडाउन रखे।

इन व्यापारिक संगठनों को ऐसा फैसला करने से पूर्व उन्हें विश्वास में न लिए जाने पर भी रोष है। इन संगठनों का कहना है कि रोटेशन पर प्रतिदिन 50 फीसद दुकानें खुलने से लोग परेशान है। शादियों के सीजन में लोगों को हर चीज की जरूरत है और इसके लिए उन्हें रोजाना खरीदारी करने के लिए बाजार आना पड़ता है। ऐसे लोग जब खरीदारी करने निकले है तो उनकी कोशिश रहती है कि एक ही दिन में खरीदारी को पूरा किया जाए लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा। इन संगठनों का कहना है कि इससे कोविड-19 चेन तोड़ने में मदद मिलने की बजाय मुश्किलें बढ़ रही है।

  • रोटेशन पर 50 फीसद दुकानें खोलने का सरकार का फैसला पूरी तरह से गलत है। हमने मांग की थी कि सभी दुकानों का समय शाम छह बजे तक किया जाए और हर शुक्रवार शाम छह बजे के बाद वीकेंड लॉकडाउन लगाया जाए। इससे 60 घंटों की ब्रेक मिलेेगी और कोविड-19 चेन को तोड़ने में मदद मिलेगी लेकिन सरकार ने इस प्रस्ताव को अनदेखा कर अपनी मनमर्जी से एक ऐसा फैसला किया जो किसी के भी हित में नहीं। सरकार को अपने फैसले पर गौर करना होगा। -अरूण गुप्ता, प्रधान चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू
  • कोविड-19 चेन तोड़ने में सब सरकार की मदद करना चाहते है लेकिन सरकार के इस फैसले से लोगों में असमंजस की स्थित पैदा हो गई है। फैसला लेने से पूर्व प्रमुख व्यापारिक संगठनों से चर्चा की जानी चाहिए थी। व्यापारिक संगठनों से चर्चा करके शैड्यूल बनाना चाहिए था। व्यापारिक संगठन ऐसा बीच का रास्ता सुझाते जिससे लोगों को परेशानी भी नहीं होती और कोविड-19 चेन तोड़ने में भी सहयोग मिलता लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं किया गया। सरकार को अपना फैैसला वापस लेना चाहिए। -नीरज आनंद, प्रधान चैंबर आफ ट्रेडर्स फेडरेशन
  • -इससे चौतरफा असमंजस की स्थिति बन गई है। अब लोग खरीदारी करने घर से निकलने से पहले यह पता करने में लगे रहते है कि आज बाजार में कौन सी दुकानें खुली होंगी और कौन सी बंद। सरकार को सभी दुकानों का समय शाम छह बजे तक सीमित करना चाहिए था और वीकेंड लॉकडाउन लगाना चाहिए था, जैसा कि हमने अपने वेयर हाउस-नेहरू मार्केट में किया है। इससे हर हफ्ते 60 घंटे की ब्रेक मिलती और कोविड-19 चेन तोड़ने में सहयोग मिलता। -दीपक गुप्ता, प्रधान ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस-नेहरू मार्केट

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