काश ! हमारे बेटे को भी ढूंढ लाती पुलिस
संवाद सहयोगी, सांबा : वर्ष 2014 में भी अगर पुलिस ने गंभीरता दिखाई होती तो आज उनका बेटा भी सकुशल उनके
संवाद सहयोगी, सांबा : वर्ष 2014 में भी अगर पुलिस ने गंभीरता दिखाई होती तो आज उनका बेटा भी सकुशल उनके पास होता। यह शब्द उस मां के हैं, जिसका दस वर्षीय बेटा पांच वर्ष पूर्व घर से लापता हो गया और आज भी मां अपनी बेबस आंखों से बेटे का इंतजार कर रही है।
पांच मई 2014 को विशाल शर्मा पुत्र राजेश शर्मा विजयपुर में अपने घर से लापता हो गया था। उस दिन राजेश शर्मा अपनी पत्नी व बच्चों के साथ विजयपुर में ही किसी के घर फंक्शन में गए हुए थे। वहां पर दोपहर का खाना खाने के बाद जब वह वापस पहुंचे तो विशाल शर्मा भी घर पर उनके साथ था। विशाल शर्मा छठी कक्षा में सांबा के क्रिस्तु ज्योति कांवेंट स्कूल में पढ़ता था। राजेश शर्मा ने बताया कि उस दिन किसी पड़ोसी का कुत्ता उनके घर आ गया। उनके बेटे ने उस कुत्ते को पहले खाना खिलाया और फिर अपने घर से जंजीर लेकर उसे पड़ोसी के घर छोड़ने चला गया। यह बात 5 मई 2014 की शाम लगभग चार बजे की है। आधे घंटे तक जब वह वापस नहीं आया तो परिजन ढूंढने लगे और पास ही स्थित पुलिस थाना विजयपुर में भी शिकायत दर्ज करवा दी कि उनका बेटा लापता हो गया है। राजेश शर्मा ने कहा कि तत्कालीन पुलिस ने उनके बेटे को ढूंढने में गंभीरता नहीं दिखाई और अगर उस दिन पुलिस ने गंभीरता दिखाई होती तो शायद आज उनका बेटा उनके पास होता। बुधवार को जब बड़ी ब्राह्मणा में 36 घंटे के भीतर अगवा अनिरुद्ध शर्मा मिला तो विजयपुर के विशाल शर्मा की माता संतोष देवी व पिता राजेश शर्मा को एक उम्मीद जगी है कि शायद उनका बेटा भी उन्हें मिल जाए। राजेश शर्मा ने बताया कि पिछले दो वर्ष से उनके बेटे के लापता होने का मामला सीबीआइ के पास है। विशाल शर्मा का पता बताने वाले को एक लाख रूपए का नकद इनाम भी रखा गया है।
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